आत्म प्रेरणा उद्धरण
जीवन मे प्रेरणा अपने माता पिता के साथ अध्यापक से मिलता है।
प्रेरणा जीवन और मन को परिवर्तित करने के लिए आधार स्तम्भ का काम करता है।
शिक्षा के माध्यम से जो अपने मन को अच्छा लगता है उससे मिलने वाला उपलब्धि का कारण आत्म प्रेरणा होता है।
जीवन मे अच्छे कार्य करने से मन और आत्मा को संतुसती मिलना है। अच्छा कार्य भी आत्म प्रेरणा का कारण बनता है।
अपने जीवन मे होने वाले गलती को सुधार कर जो अच्छा प्रतिबिंब जीवन मे ढालता है
आत्म प्रेरणा का प्रमुख उद्देश्य होता है।
गलती कौन नहीं करता है? पर जो गलती कर के अपने जीवन मे परिवर्तन लाता है।
कुछ अच्छा करने के लिए आगे बढ़ता है तो स्व प्रेरणा से ही होता है।
सही गलत का पहचान कर के जो अपने जीवन सही रास्ता अपनाता है।
सत्य के रास्ते पर चलता है। विपरीत परिसतिथी मे घबराता नहीं है।
लोगो को अच्छे कार्य के लिए प्रेरित करता है। वो सब आत्म प्रेरणा के कारण ही होता है।
जब तक व्यक्ति गलती नहीं करता है तब तक सही और गलत का यहसास नहीं होता है।
जीवन को सही ढंग से जीने और आगे के भविष्य को संभालने के लिए जरूरी कदम।
जीवन को संतुलित और अर्थपूर्ण होना आवश्यक है। अपने अस्तित्व मे सही ढंग से जानकारी प्राप्त करने के लिए मन के अंदर झकना पड़ता है। मन मे पड़े हुए उतार चढ़ाओ को समझ कर जीवन के जरूरी अध्याय को उभारते हुए नकारत्मक प्रब्रिति को जीवन से निकालना होता है। जैसे जैसे मन से गंदगी दूर है। वैसे वैसे जीवन उत्थान के तरफ बढ़ता है। इन सभी प्रक्रिया मे खुद पर विश्वास रखते हुए खुद को प्ररित करते हुए। अपने आयाम को नियंत्रित कर के संतुलन प्राप्त किया जाता है। उपलब्धि अपने खुद के प्रेरणा से ही प्राप्त किया जाता है। जीवन के संतुलन को यदि खुद के प्रेयराना से प्राप्त करते है तो वो अपने आयाम मे विकसित होते जाते है। खुद के जिंदगी को संभालने के लिए सबसे पहले खुद को अच्छे मार्ग पर चलने के लिए प्ररित करना पड़ता है। तब जीवन मे सफलता प्राप्त होता है।
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