Wednesday, June 18, 2025

कल्पना जीवन में इच्छा का विस्तार करना कल्पना है इच्छा संगठित मन में गहन सकारात्मक विचार संग्रह करना

  

सकारात्मक कल्पना का अर्थ

कल्पना जीवन में अपने सही और संतुलित इच्छा को विस्तार करने के महत्त्व को सकारात्मक कल्पना का अर्थ कहते है।

इच्छा को संगठित करके मन में गहन सकारात्मक विचार संग्रह करना।

मन के इच्छा को पूर्ण करने के दिशा में जाना।

इच्छा पूर्ण करना कल्पना का अर्थ कहते है। कल्पना सिर्फ करना ही नहीं होता है।

रचनात्मक कल्पना को साकार करने के लिए परिश्रम भी करना पड़ता है।

सकारात्मक सोच से रचनात्मक कल्पना पूर्ण होता है।

मन के सकारात्मक इच्छा पूर्ण होता है।

कल्पना का मुख्य उद्देश्य सकारात्मक इच्छा को संगठित करके मन में इच्छा पूर्ण करने के लिए सकारात्मक दिशा में कार्य किया जाता है।

उठो मन अपने सकारात्मक इच्छा को पूर्ण करने की दिशा में आगे बढ़ो। मन को सक्रीय किया जाता है।

सकारात्मक इच्छा को पूर्ण करने के लिए ज्यादा कुछ नहीं करना पड़ता है।

चुकी सकारात्मक इच्छा के कल्पना संतुलित होते है। जो समय, पात्र और योग्यता के अनुसार उचित होते है।

कल्पना का भाव सकारात्मक और संतुलित होने से मन में सकारात्मक इच्छा सक्रय हो जाते है।

कोई रूकावट या व्यवधान नहीं आता है।

कर्म का भाव सकारात्मक इच्छा को पूर्ण करने की दिशा में आगे बढ़ जाता है।

कल्पना में इच्छा सत्कर्म से ही ज़ुरा होना चाहिए।

वास्तविक मन का भाव सकारात्मक ही होता है।

मन में चलने वाले हर तरह के इच्छा पर भरोसा नहीं कर सकते है।

इच्छा पर बाहरी मन का छाप होता है।

इसलिए इच्छा सकारात्मक, नकात्मक या मिश्रित भी हो सकता है।

सक्रिय मन के लिए कल्पना का अर्थ मन में उठाने वाला इच्छा को मन के भाव से सक्रीय करना ही कल्पना होता है।

 

   सकारात्मक कल्पना का अर्थ 

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