ऑर्गेनिक खेती क्या है? (What is Organic Farming)
ऑर्गेनिक खेती या जैविक खेती एक ऐसी कृषि पद्धति है जिसमें रासायनिक उर्वरकों, कीटनाशकों और हार्मोन का प्रयोग नहीं किया जाता। इसमें प्राकृतिक संसाधनों जैसे गोबर खाद, वर्मी कम्पोस्ट, हरी खाद, जैव कीटनाशक और फसल चक्र का उपयोग किया जाता है।
इस खेती का मुख्य उद्देश्य:
मिट्टी की उर्वरता बनाए रखना
पर्यावरण संरक्षण
मानव स्वास्थ्य की सुरक्षा
टिकाऊ कृषि प्रणाली विकसित करना
भारत में ऑर्गेनिक खेती का महत्व
भारत एक कृषि प्रधान देश है। हरित क्रांति के बाद रासायनिक खेती बढ़ी, जिससे:
मिट्टी की गुणवत्ता घटी
जल प्रदूषण बढ़ा
कैंसर जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ा
इसी कारण आज ऑर्गेनिक खेती का महत्व तेजी से बढ़ रहा है। भारत में सिक्किम पहला 100% ऑर्गेनिक राज्य है।
ऑर्गेनिक खेती के मुख्य सिद्धांत
मिट्टी का संरक्षण
मिट्टी को जीवित बनाए रखना ऑर्गेनिक खेती की आत्मा है।
जैव विविधता
फसल चक्र और मिश्रित खेती अपनाई जाती है।
रासायनिक मुक्त उत्पादन
कृत्रिम खाद और कीटनाशक पूर्णतः वर्जित।
पर्यावरण संतुलन
प्रकृति के साथ तालमेल।
ऑर्गेनिक खेती के प्रकार
शुद्ध जैविक खेती
पूरी तरह प्राकृतिक इनपुट।
एकीकृत जैविक खेती
पशुपालन + कृषि + कम्पोस्ट।
प्राकृतिक खेती (Zero Budget Natural Farming)
बिना लागत खेती, देसी गाय आधारित।
ऑर्गेनिक खेती में उपयोग होने वाली खाद
गोबर खाद
मिट्टी की संरचना सुधारती है।
वर्मी कम्पोस्ट
केचुओं द्वारा बनाई गई उच्च गुणवत्ता खाद।
हरी खाद
ढैंचा, सनई जैसी फसलें।
जीवामृत
देसी गाय के गोबर-मूत्र से तैयार।
जैविक कीटनाशक (Organic Pesticides)
नीम का तेल
दशपर्णी अर्क
लहसुन-मिर्च घोल
ट्राइकोडर्मा
ये कीट नियंत्रण के साथ मिट्टी को नुकसान नहीं पहुँचाते।
ऑर्गेनिक खेती कैसे करें? (Step by Step Guide)
Step 1: मिट्टी की जांच
मिट्टी की गुणवत्ता जानना आवश्यक।
Step 2: भूमि की तैयारी
रासायनिक अवशेष हटाने में 2–3 साल लगते हैं।
Step 3: सही बीज का चयन
देसी और बिना ट्रीटमेंट वाले बीज।
Step 4: जैविक खाद का प्रयोग
नियमित अंतराल पर।
Step 5: कीट एवं रोग प्रबंधन
प्राकृतिक तरीकों से।
ऑर्गेनिक खेती की प्रमुख फसलें
गेहूं
धान
दालें
सब्जियाँ
मसाले
फल (आम, केला, सेब)
ऑर्गेनिक खेती के लाभ
स्वास्थ्य के लिए लाभदायक
रसायन मुक्त भोजन।
मिट्टी की उर्वरता बढ़ती है
लंबे समय तक उत्पादक भूमि।
पर्यावरण संरक्षण
जल, वायु और मिट्टी सुरक्षित।
अधिक बाजार मूल्य
ऑर्गेनिक उत्पाद महंगे बिकते हैं।
निर्यात की संभावना
विदेशों में भारी मांग।
ऑर्गेनिक खेती के नुकसान
शुरुआती उत्पादन कम
अधिक मेहनत
प्रमाणन प्रक्रिया लंबी
जागरूकता की कमी
ऑर्गेनिक खेती बनाम रासायनिक खेती
बिंदु
ऑर्गेनिक खेती
रासायनिक खेती
खाद
प्राकृतिक
रासायनिक
स्वास्थ्य
सुरक्षित
हानिकारक
पर्यावरण
अनुकूल
प्रदूषक
लागत
कम
अधिक
ऑर्गेनिक प्रमाणन (Organic Certification in India)
भारत में प्रमाणन के लिए:
NPOP
PGS India
प्रमाणन से उत्पाद को ऑर्गेनिक लेबल मिलता है।
ऑर्गेनिक खेती में लागत और मुनाफा
शुरुआती 2–3 साल कठिन होते हैं, लेकिन बाद में:
लागत कम
मुनाफा अधिक
स्थायी आय
भारत में ऑर्गेनिक खेती का भविष्य
सरकार की योजनाएँ
बढ़ती जागरूकता
हेल्थ कॉन्शियस ग्राहक
ऑनलाइन मार्केट
भविष्य में ऑर्गेनिक खेती गेम चेंजर साबित होगी।
ऑर्गेनिक खेती से जुड़ी सरकारी योजनाएँ
परंपरागत कृषि विकास योजना (PKVY)
राष्ट्रीय जैविक खेती मिशन
सुभाष पालेकर प्राकृतिक खेती योजना
ऑर्गेनिक खेती के लिए टिप्स
छोटे स्तर से शुरुआत करें
स्थानीय बाजार खोजें
किसान समूह बनाएं
प्रशिक्षण लें
FAQs – अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
Q1. ऑर्गेनिक खेती क्या सच में लाभदायक है?
हाँ, लंबे समय में यह अधिक लाभ देती है।
Q2. ऑर्गेनिक खेती में कितने साल लगते हैं?
2–3 साल में पूर्ण रूप से ऑर्गेनिक बनती है।
Q3. क्या ऑर्गेनिक खेती में उत्पादन कम होता है?
शुरुआत में हाँ, बाद में संतुलित हो जाता है।
निष्कर्ष (Conclusion)
ऑर्गेनिक खेती केवल खेती का तरीका नहीं, बल्कि स्वस्थ जीवन और टिकाऊ भविष्य की दिशा है। आज आवश्यकता है कि किसान, उपभोक्ता और सरकार मिलकर जैविक खेती को बढ़ावा दें। यह न केवल किसान की आय बढ़ाएगी बल्कि आने वाली पीढ़ियों को सुरक्षित पर्यावरण देगी।
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