भविष्य की कल्पना
भविष्य की कल्पना में हर किसी को अपने अपने अनुसार से जिंदगी जीने का मौका मिलता है।
किसी का समय आज आता है।
तो किसी का बाद में आता है।
पर अच्छा समय हर किसी के जीवन में जरूर नसीब होता है।
यही जीवन का इस संसार में नियम है।
हा कभी कवाल मनुष्य को अपने अपने अनुसार से दुःख का भी सामना करना पड़ता है।
भले उसमे उसकी कोई गलती हो या न हो।
ये जरूरी नहीं हम अच्छा कर रहे है।
तो हमेशा हमारे साथ अच्छा ही होगा।
पर जीवन में कुछ बुरा होता है।
तो उसमे भी संसार का ही नियम है।
जब तक मनुष्य उस दौर से नहीं गुजरेगा।
तब तक उसका ज्ञान अधूरा ही रहता है।
जब मनुष्य विपरीत दौर से गुजरता है।
उसे और अच्छा ज्ञान और तजुर्बा होता है।
भविष्य की कल्पना जीवन के उत्थान के लिए सब प्रकार के ज्ञान के लिए ही होता है।
मनुष्य जीवन सुख दुःख से घिरा रहता है। यही सुख दुःख के मिश्रण में जीवन को जीते हुए। जो अपने मुकाम तक पहुँचता है। ये क्या है? ये ज्ञान ही है। जो ब्यक्ति सुख दुःख का सामना करते हुए अपने जीवन में आगे बढ़ता है। वही जीवन का सच्चा सारथी होता है। सबके अपने अपने समय के बात करे तो सब को अपना अपना समय मिलता है। फिर बाद में दुसरो को जिसके पास जैसा ज्ञान है। जैसे जैसे ज्ञान के श्रेणी में चढ़ता है। प्रखर होता जाता है।
कभी किसी को ऐसा नहीं सोचना चाहिए। मेरा समय आता ही नहीं है। हर किसी को हर चीज नहीं प्राप्त होता है। क्योकि वो प्राप्त कर के क्या करेगा। एक न एक दिन उसे अपने मुकाम पे ही जाना है। जो उससे बचता है। उसके आश्रितों को जाता है। जिसका वो भोग विलाश करता है। जिसको अपने पूर्वज से मिलता है। अक्सर वो कुछ नहीं कर पता है। क्योकि उसके पास सबकुछ होता है।जिसमें जिंदगी के थपेड़े को जिसने नहीं झेला। भला उसको क्या ज्ञान होगा। ज्ञान समय और अवस्था के साथ की मिलता है। क्योकि सुख दुःख तो उसको भी भोगना है। क्योंकि सुख में सरे एहसास नहीं होते है। दुःख में एक एक अनुभव का एहसास होता है। यही जीवन का ज्ञान है। इसी में जीवन के ज्ञान का रास्ता निकलता रहता है। जीवन के कल्पना में ज्ञान प्राप्त करते रहते है।
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