Friday, July 30, 2021

ज्ञान इसलिए जरूरी है. जिस तरफ अपने मन का झुकाओ हो, जिस तरफ अपना मन अच्छे से लग रहा हो, सोच समझ और कल्पना अच्छा होन चाहिए. उसी ज्ञान के पीछे भागे तो सब अच्छा है

ज्ञान के कई रूप होते है 

ज्ञान कई तरह से  प्राप्त किया जा सकता है. कोई किताब के माध्यम से ज्ञान प्राप्त करता है, तो कोई किसी गुरु के माध्यम से ज्ञान प्राप्त करता है, तो कोई सुनी सुनाई बात के माध्यम से भी ज्ञान प्राप्त करता है. पर वे सच्चे पारखी होते है, जो सुनी सुनाई बात से ज्ञान प्राप्त करता है. जो कोई भी यदि सही संस्कार के बिच रहा हो. उसका आचरण अच्छा हो तो उसकी परख अच्छी होती है. उसको पता होता है कि सही क्या है?  गलत क्या है? उसकी ज्ञान की गहराई बहुत अच्छी होती है.  

 

ज्ञान जो व्यक्ति किताब के माध्यम से ज्ञान प्राप्त  करते है 

ज्ञान  के मामले में उसकी सोच सीमित होती है. जो व्यक्ति किसी गुरु के माध्यम से ज्ञान प्राप्त करता है. उसकी सोच असीमित होती है. क्योंकि उस के हर सोच में गुरु की विद्या होती है. गुरु उसके हर जगह मददगार होते है. यदि वो व्यक्ति कही पर फस जाता है. तो वो गुरु की मदद से निकलने में या निर्णय लेने में. हर जगह गुरु मदत करते है. ये बात सिर्फ शिक्षा से ही जुड़े हुए नहीं है. हमें तो जीवन के हर मोड़ पर ज्ञान की आवश्यकता होती है. ताकि हम कही फसे नहीं या बिखरे नहीं. ये नियम तो रोज ही होते है. घर परिवार में, काम धंधे में, समाज में, दोस्तों में, जान पहचान में, किसी व्यवहार में, रस्ते पर, बहुत से ऐसे मौके है, जहा हर जगह  ज्ञान की आवश्यकता पड़ती है. कल्पना करे ज्ञान नहीं होगा तो क्या होता?  ज्ञान के बगैर हर जगह हम फसते रहेंते, ज्ञान के बगैर मुसीबत में जाते रहेंते.  इसलिए ज्ञान बहुत जरूरी है.  सोच समझ कर निर्णय लेना होता है की हमें ज्ञान किस प्रकार का लेना है. 

 

ज्ञान का इस्तेमाल जरूरत के हिसाब से भी हो सकता है

ज्ञान के माध्यम से ये जरूरी है कि हर व्यक्ति को हर प्रकार का ज्ञान होना चाहिए. यदि ऐसा नहीं हुआ तो हर जगह फसता जायेगा. जहा पर जैसा ज्ञान जरूरी है.  वैसे ही इस्तेमाल करे तो सब ठीक रहेगा. अब मान लीजिये की हम अपने काम धंधे में कोई मेहनत का काम कर रहे है. यदि सोचेंगे की कार्यालय में बैठ कर कोई काम करे और उस ज्ञान के पीछे भागेंगे तो क्या होगा. कल्पना का परिणाम अच्छा नहीं होगा. क्योंकि तब न मन से वो अपने काम प ध्यान दे पायेगा और मन लगातार नए काम के तरफ ध्यान दे पायेगा. जहा वो समय भी नहीं दे पा रहा हो. तब न ये होगा.  न वो होगा.  तब वहाँ एकाग्रता भांग होने का डर हो जायेगा. और अंत में दोनों ही काम बिगड़ जायेंगा. 

 

ज्ञान इसलिए जरूरी है 

ज्ञान के स्त्रोत जिस तरफ अपने मन का झुकाओ हो, जिस तरफ अपना मन अच्छे से लग रहा हो, सोच समझ और कल्पना अच्छा होन चाहिए. उसी ज्ञान के पीछे भागे तो सब अच्छा है. इसके लिए अपने मन में सोचे की मन वास्तव में क्या कल्पना करना चाह रहा है. यदि मन की आवाज सुनाने में सक्षम  है. उसकी वास्तविकता को समझ रहे है. तो उस तरफ जरूर जाय. सफलता आपका इंतजार कर रहा है.  

 

अच्छी ज्ञान की परिभाषा 

ज्ञान मनुष्य के जीवन में बहुत बड़ी उपलब्धि दिलाती है. उसी ज्ञान के माध्यम से हर जगह सफलता मिलती है. हर रस्ते में मार्गदर्शन मिलता है. उसके पास हर बात का जवाब होता है. वही सच्चा ज्ञानी है. 

जीवन के प्रेरणा स्त्रोत तब कहा जाता है. जब किसी के जीवन में कोई प्रेरणा किसी अछे व्यक्ति से मिलता है. जिससे वो अपने जीवन में परिवर्तन कर के प्रगति करता है

प्रेरणा स्त्रोत


प्रेरणा स्त्रोत जीवन के तब कहा जाता है. जब किसी के जीवन में कोई प्रेरणा किसी अछे व्यक्ति से मिलता है. जिससे वो अपने जीवन में परिवर्तन कर के प्रगति करता है. जिनके ज्ञान से अपने जीवन को लाभान्वित करता है. प्रेरणा का प्रभाव ऐसा होता है की जिसके जीवन किसी के प्रेरणा मिल जय तो ख़ुशी और प्रसन्नता जीवन में भर जाता है. जिनके जीवन में ख़ुशी और प्रसन्नता जीवन में स्थापित हो गया. समझ लीजिये उनका जीवन सफल है. किसी का प्रेरणा जीवन में बहुत कुछ लाता है.

प्रेरणा स्त्रोत विज्ञान के विषय में सुरु में जिन विज्ञानिको ने जो आविस्कर किया उससे प्रेरणा लेकर उनके बाद आने वाले विज्ञानिको ने दिन प्रति दिन आविस्कारो को बढ़ाते हुए आज हम सब के लिए जीवन सुलभ कर दिया है. यदि आज के समय में हम लोग किसी भी क्षेत्र में कुछ करना कहते है तो सभी कही न कही विज्ञान के ही देन है. इसलिए हमलोगों के लिए सबसे बड़ा प्रेरणा स्त्रोत विज्ञान ही है. भले लोग इस बात को माने या न माने. चाहे दुनिया के किसी भी क्षेत्र में जा कर देखे. सब जगह विज्ञान के ही आविस्कर है. जो दुनियाभर के विज्ञानिको ने ही किया है आज के समय में तो सबसे बड़ा प्रेरणा के स्त्रोत वैज्ञानिक ही है.

प्रेरणा स्त्रोत अविष्कारक ही सृष्टि के जननी होते है. जिस तरह कोई व्यक्ति सिर्फ ज्ञान से पूरा सफलता नहीं प्राप्त कर सकता है. जब तक की अच्छा अनुभव नहीं प्राप्त हो अनुभव ही ज्ञान का विस्तार करता है. नए सृजन का निर्माण करता है. ज्ञान का अनुभव भी प्रेरणा के स्त्रोत होते है. सिर्फ अपने लिए ही नहीं अपितु अपने ज्ञान का अनुभव दूसरो के लिए भी प्रेरणा के स्त्रोत बनता है.   

ज्ञानी कबीर दास जी के ज्ञान के अनुसार जो ब्यक्ति हमें कोई रास्ता बताता है. ज्ञान देता है ज्ञान से सब कुछ होता है. ज्ञान ही कर्म की जननी है.

कबीर दास जी इस दोहे के माध्यम से कहते हैं. कि अगर हमारे सामने गुरु और भगवान दोनों एक साथ खड़े है. तो आप किनके चरण स्पर्श करेंगे?  गुरु ने अपने ज्ञान के माध्यम से ही हमें अध्यात्म और भगवान से मिलने का रास्ता बताया है. इसलिए गुरु की महिमा भगवान से भी ऊपर होता है. हमें गुरु के चरण स्पर्श करना चाहिए।

कबीर दास जी के ज्ञान के अनुसार जो ब्यक्ति हमें कोई रास्ता बताता है. ज्ञान देता है. वही ज्ञानी ब्यक्ति गुरु हमारे जीवन में महत्त्व महत्पूर्ण होता है.

ज्ञान से सब कुछ होता है. ज्ञान ही कर्म की जननी है. ज्ञान है तो उपार्जन जरूर होगा. ज्ञान है तो कर्म और सत्कर्म होगा. जब ज्ञान हमारे लिए इतना उपयोगी है. तो हम ज्ञान से ही ईश्वर की प्राप्ति कर सकते है. इसलिए ज्ञान देने वाले ज्ञानी ब्यक्ति गुरु ही हमारे लिए सबसे महत्पूर्ण है.

ज्ञान बचपन से अपने बच्चे को सिखाना चाहिए. ज्ञान सबसे पहले माता पिता से मिलना चाहिए.

ज्ञान भले जीवन में किसी से भी क्यों न मिले. ज्ञान हर किसी से सीखना चाहिए. ज्ञान ये मायने नहीं रखता है की ज्ञान देने वाला ब्यक्ति अच्छा है या बुरा है.

वास्तविक ज्ञान वही है जिसको अछे और बुरे की पहचान हो. ज्ञान बुराइयो से सामना करना सिखाता है. ज्ञान समझ का फेर है की कौन सा ज्ञान हम ग्रहण कर रहे है.

ज्ञान के माध्यम से खुद को सामझ जायेंगे तो गलती क्यों होगी. सकारात्मक ज्ञान के रास्ते पर चलेंगे तो और भी ज्ञानी महापुरुस मिलेंगे. हर ज्ञानि को गुरु बनाते हुए. जीवन को ज्ञान से भरते हुए. जो भी कर्म कार्य करेंगे सफलता निश्चित मिलेगी. इसलिए ज्ञानी ब्यक्ति गुरु ही हमारे लिए सबसे महत्वपूर्ण है.

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