Thursday, June 19, 2025

ज्ञान का आयाम कोई न कोई तथ्य से जुड़ा होता है

  

तथ्यात्मक ज्ञान और विशेषताएं

ज्ञान का आयाम कोई न कोई तथ्य से तथ्यात्मक ज्ञान जुड़ा होता है.

जब तक तथ्यात्मक ज्ञान का समझ सार्थक नहीं होता है तब तक उसका तथ्य उजागर नहीं होता है.

ज्ञान के तथ्य को समझे तो जैसे कोई काम कर रहे है. 

उसमे होने वाला क्रिया कलाप में हर जगह कोई न कोई तथ्य जुड़ा होता है.

जिसको पूरा करने से वो कार्य पूरा होता है.

कार्य को पूरा करने के लिए कई प्रकार के ज्ञान की आवश्यकता होता है.

सभी ज्ञान के मेलजोल से जो आयाम बनता है उससे वो कार्य पूरा होता है. यद्यपि कार्य को मानव ही पूरा करता है पर जब तक समुचित ज्ञान का आयाम का अभ्यास न हो तो वो कार्य कही न कही रुक सकता है और आगे बदने में दिक्कत महशुश होने लगता है कारन ज्ञान का सही तरीके से उपयोग नहीं होना. एक कार्य को पूरा करने के लिए लगे ज्ञान में कई प्रकार के तथ्य होते है सबके अपना अपना विशेषता है. सभी का क्रम और अनुशासन भी बिगड़ जाने से कार्य में गड़बड़ी आता है. तथ्य के क्रम में परिवर्तन कभी नहीं करना चाहिए. ज्ञान उससे भी जुड़ा हुआ है.

 

तथ्य का अपना अनुशासन होता है वही से ज्ञान उजागर होता है.

  तथ्यात्मक ज्ञान 

No comments:

Post a Comment

Post

जीवन क्यों दुखी रहता है।

परमात्मा दिया हुआ मानव जीवन सुख दुख से घिरा रहता है मानव जीवन में सुख दुख दोनों बारी बारी आता है। परमात्मा ने मनुष्य को अंतहीन दुख और बेपनाह...