Showing posts with label समस्या कहा से होता है. Show all posts
Showing posts with label समस्या कहा से होता है. Show all posts

Wednesday, January 5, 2022

समस्या क्या होता है? हर समस्या का समाधान स्वयं के पास ही होता है.

सूझ बुझ से अपनी समस्या का समाधान सिर्फ अपने पास ही होता है, दूसरो के पास तो केवल देने के लिए सिर्फ सुझाव होते है.

 

सूझ बुझ से समस्या का समाधान अपने पास ही होता 

किसी काम में या किसी विषय पर फस जाना और कोई रास्ता नहीं निकलता है की वो काम पूरा कैसे हो. ज्ञान और तजुर्बा होने के बाबजूद भी जब सब कुछ धरा रह जाता है और कोई विकल्प नहीं रहता है. ऐसे में समस्या खड़ा होना लाजमी है.

 

समस्या कहाँ से होता है?

ज्ञान का सही इस्तेमाल नही होने से समस्या खड़ा होता है. तजुर्बा बहूत बड़ी चीज है यदि तजुर्बा का सही ढंग से इस्तेमाल नहीं हुआ तो भी समस्या खड़ा हो जाता है. विषय की बरिकियत को ठीक से नहीं समझने से समस्या खड़ा हो जाता है. गलत समझ से भी समस्या खड़ा हो जाता है. कई बार किसी काम में ठीक से मन नहीं लगने से और इधर उधर ध्यान भटकने से भी जो एकाग्रता भंग होता है इससे भी समस्या खड़ा होता है.

 

सूझ बुझ से किये गए कार्य में हर समस्या का समाधान स्वयं के पास ही होता है.

विषय को ठीक से समझ कर सूझ बुझ से किये गए कार्य में सफलता मिलता है. किसी भी कार्य या विषय में मन का लगाना बहुत जरूरी है इससे एकाग्रता बढ़ता है जो सफलता की निशानी है. इससे विषय से हटकर मन इधर उधर नहीं भटकता है. काम सफल होता है. जटिल कार्य या विषय को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत और बरिकियत का अनुभव की आवश्यकता होता है. इन्सान जीवनभर अपने और दुसरे के अनुभव से कुछ न कुछ दिन प्रतिदिन सीखता ही रहता है जो तजुर्बा बनकर नये सृजन का निर्माण करता है.

 

कोई जरूरी नहीं की दिय गया कार्य एक ही पद्धति से हो.

दुसरे जरिये या ज्ञान से भी पूरा होता है तो नया तजुर्बा जन्म लेता है. यही प्रगति की निशानी भी है. इससे काम सरल और कम समय में भी पूरा होता है जो दूसरो के लिए प्रेरणा का काम करता है. एक रास्ता बंद हो रहा है तो कही न कही से दुसरे रास्ता स्वयं खुलने लग जाता है. ज्ञान और तजुर्बा सही ढंग से कार्य कर रहा है तो दूसरा रास्ता स्वयं खुल जाता है. 

 

विकत परिस्तिथि में समस्या होने पर क्या होता है?

कोई दुसरा, अपने या सुभचिन्तक अपने को रास्ता ही बता सकता है या अच्छा विचार दे सकता है. उस कार्य को तो स्वयं को ही पूरा करना होता है. विपरीत परिस्तिथि में दूसरो के पास केवल देने के लिए सिर्फ सुझाव ही होते है. जिससे मार्ग प्रदर्शन मिलता है. कार्य तो स्वयं को करना होता है.

Post

National Sports Day in India History, Importance & Major Dhyan Chand

  National Sports Day in India: History, Importance, Celebrations, and Impact on Society National Sports Day is one of the most significan...