Showing posts with label विकाश. Show all posts
Showing posts with label विकाश. Show all posts

Monday, August 16, 2021

सक्रिय कल्पना (Imagination) में सोच समझ विवेक बुद्धि स्वभाव मिलनसार और जागरूक ब्यक्ति अपने जीवन में ज्ञान के विकाश और ख्याति के लिए बहुत कुछ करते है

सक्रिय कल्पना


सक्रिय कल्पना का जीवन में बहुत बड़ा महत्व है

सक्रिय कल्पना का जीवन में बहुत बड़ा महत्व रखता है।  खास करके ऐसे ब्यक्ति के लिए जो सकारात्मक होते है।  जो ब्यक्ति कई क्षेत्र में अपने खास स्वभाव और ब्यक्तित्व के वजह से अपनी ख्याति प्राप्त किया है।  उनका सोच, समझ, विवेक, बुद्धि, स्वभाव मिलनसार और जागरूक होते है।  ऐसे ब्यक्ति अपने जीवन में ज्ञान के विकाश और ख्याति के लिए बहुत कुछ करते है।


सक्रीय कल्पना करने के लिए मन सक्रीय होकर एकाग्र भाव में रहना चाहिए

सक्रीय कल्पना करने के लिए मन को अच्छी तरह से सक्रीय होकर एकाग्र भाव में रहना चाहिए  मन, सोच, समझ, बुध्दी, विवेक सकारात्मक और संतुलित होना आवश्यक है।  जिससे अपने सोच समझ के दौरान कल्पना में स्पष्ट चित्रण हो सके।  जब कल्पना सहज होने लगता है।  तब जैसी कल्पना करते है। मन का स्वभाव भी वैसा ही होने लगता है।  इससे मन कल्पना के अनुसार कार्य में लग जाता है। कार्य सटीक और जल्दी होने लगता है।  ऐसे सक्रीय कल्पना के लिए प्रयास बारम्बार करना पड़ता है। जब तक की मन सहज भाव में कल्पना न करे। वैसे इस प्रयास में सबको सफलता नहीं मिलता है।  सक्रीय कल्पना के लिए एकाग्रता का निरंतर प्रयास करने वाले को ही सक्रीय कल्पना में सफलता मिलता है।

Wednesday, August 11, 2021

जीवंत कल्पना जीवन के विकास के लिए कुछ योजना वर्त्तमान में क्या चल रहा बिता हुआ समय कैसा आने वाला भविष्य कैसा हो तरक्की उन्नति और विकास कैसे हो?

जीवंत कल्पना

 

जीवंत कल्पना खुशहाल जीवन के कल्पना में मनुष्य अपने अस्तित्व में आना

खुशहाल जीवन के कल्पना में। जब मनुष्य अपने अस्तित्व में आता है। अपने जीवन के विकास के लिए कुछ योजना बनता है। वर्त्तमान में क्या चल रहा है। बिता हुआ समय कैसा था?  आने वाला भविष्य कैसा होगा? तरक्की, उन्नति और विकास कैसे हो? जब ब्यक्ति ऐसा कुछ विचार कर के सोचता है।  भविष्य के जीवन के लिए खुशहाली की कामना करता है। जीवंत कल्पना मनुष्य को करना ही चाहिये। जब तक मनुष्य सोचेगा नहीं तब तक कुछ करने का भावना जागेगा नहीं। सोचना कल्पना करना किसी निर्माण के बुनियाद से काम नहीं होता है।

 

जीवंत कल्पना जिस विषय या कार्य पर सक्रिय होते है। कार्य की सफलता के लिए। जब सक्रीय हो कर विचार करते है। जीवंत कल्पना होता है।  जीवंत कल्पना करना ही चाहिए। 

 

जीवंत कल्पना में युवावस्था में अक्सर लोग जीवन में आकर्षण के लिए जीवंत कल्पना करते है

जीवंत कल्पना में युवावस्था में अक्सर लोग सकारात्मक सोच रखते है। जीवन में आकर्षण के लिए खासकर ऐसे युवा जीनके कोई प्रेमिका हो प्रसन्नचित मन के लिए  युवा जीवंत कल्पना करते है।  हालाकि कल्पना की दृस्टि से देखा जाए। तो उचित नहीं है। सोच समझ और कल्पना में जितना मनुष्य सरल और सहज हो कर संतुलित कल्पना करेगा।  उतना ही अच्छा है।  मन को जीवंत कल्पना में मनोरंजक करना। उतना ही तक ठीक है। बस वो कल्पना हो। कल्पनातीत नही होना चाहिए। क्योकि ये सब जीवंत कल्पना के दायरे में ही आते है। बहुत ज्यादा सक्रीय होते है। बहुत तेज गति से दिल और दिमाग पर प्रभाव डालते है।

जीवंत कल्पना सबसे अच्छा है। अपने मन, दिल, दिमाग, विवेक, बुद्धि, सोच, समझ के विकास और संतुलन के लिए करे। तो जीवंत कल्पना उपयोगी है।


Post

Two types of meditation for both types of meditation to happen automatically a little effort has to be made in the beginning, later meditation happens automatically

Meditation of the divine Meditation is done in many ways  Meditation is tried in the beginning, later meditation happens automatically. Me...