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Friday, January 14, 2022

वास्तविक जीवन संघर्स से ही भरा हुआ है. ये जरूरी नहीं की कठिन परिश्रम के बाद पूरा सफलता मिले

जीवन और मौसम में अंतर


जीवन और मौसम लगभग एक सामान ही होते है. 

जीवन में सुख दुःख होता है तो मौसम में भी पतझड़ और वसंत बहार होते है. जीवन में कभी कभी बड़े दुःख का भी सामना करना पड़ता है जैसे इस कोरोना महामारी में सब भुगते थे वैसे ही मौसम में भी चक्रवाती तूफ़ान भी बहूर बड़ा नुकसान पहुचाता है. बढ़ और सुनामी में बहूत कुछ बर्बाद हो जाता है.

 

जीवन में जैसे सुख के पल कम समय के लिए होते है. 

वैसे ही मौसम में वसंत ऋतू ही एक ऐसा समय है जो सबको अच्छा लगता है. मौसम में लगातार परिवार्तन लोगो को झेलना पड़ता है वैसे ही जीवन में संघर्ष सबको करना पड़ता है.

 

प्रकृति के नियम सबके लिए एक सामान है. 

प्रकृति के नियम को सबको समझना चाहिए. जैसे जीवन में कभी-कभी ख़ुशी, गम, सुख, दुःख लगा रहता है. वैसे ही मौसम में समय दर समय परिवर्तन होता रहता है. कभी लोगो को अच्छा लगता है तो कभी लोगो को परेशान भी करता है.

 

जीवन में कभी ऐसा भी होता है की बहूत परिश्रम में किया गया कार्य हर समय में कोई न कोई रूकावट आता ही रहता है. 

अंत में वो कार्य ख़राब भी हो जाता है. वैसे ही इस साल बिहार भारत में मौसम के कारन धान के खेती पर बहूत बड़ा प्रभाव पड़ा. सुरु में धान के बोआई में पानी नहीं बरसा, जिससे बिज ठीक से हुए नहीं मौसम भी बहूत गरम था. लोगो ने मशीन से पानी चलाये खतो में, कैसे भी कर के धान को उगाने का प्रयास किया. अंत में कुछ धन हुए पर खेत में धान के कटाई के बाद सूखने के दौरान तेज बारिस और पानी बरस जाने से सारे पके हुए धान खेत में उग गए. जिससे कारन सब धान कि खेती ख़राब हो गये.

 

वास्तविक जीवन तो संघर्स से ही भरा हुआ है. 

ये जरूरी नहीं की कठिन परिश्रम के बाद पूरा सफलता मिले. हो सकत है मन के अनुसार सफलता नहीं मिले पर एक किसान के जीवन को देखिये उनके जीवन में ख़ुशी के पल कम और पतझड़ ज्यादा होता है. इसका मतलब किसान खेती कारन नहीं छोड़ते है. क्योकि खेती ही उका जीवन होता है. यदि वो खेती नहीं करेंगे तो मनुष्य को भोजन कहाँ से मिलेगा. इसलिए जीवन में चाहे जीतना भी संघर्स करना पड़े, इससे भागना नहीं है. सफ़लत और असलता तो अपने कर्मो का होता है. जीवन सक्रीय होना चाहिए. आज पतझड़ है तो कल वसंत जरूर आयेगा.

 

जीवन के आयाम में सबको सब सुख प्राप्त नहीं है. 

किसी को कम तो किसी को ज्यादा. इससे घबराकर जीवन से भागना नहीं है. जीवन में आने वाले समय में सभी संघर्स को झेलना ही जीवन है. और यही जीवन है.

Tuesday, August 10, 2021

ज्यादाकर मन में समय के नकारात्मक भाव ही नजर आते हैं कुछ ही बाते जो अच्छे होते हैं वो बाते सकारात्मक होते है बारंबर याद करने को मन करता है

जिन चीजों से मुझे आप से नफरत है


जब आपके मन में झाकते है तो बहुत कुछ जीवन में समझ में आने लग जाता है

जब अपने मन में झाकते है। बहुत कुछ समझ में आने लग जाता है।  ज्यादाकर मन में समय के नकारात्मक भाव ही नजर आते हैं। कुछ ही बात जो अच्छे होते हैं। जो बाते सकारात्मक होते है। उन्हें बारंबर याद करने को मन करता है। जो बात मन को अच्छे नहीं लगते हैं। उन बातो से किनारा करना कभी कभी बहुत मुश्किल हो जाता है।  तब गुसा भी ऐसा ही आता है।  जब कुछ पुरानी बात मन को झकझोर देता है।  तब नकारात्मक बाते ही मन में उठने लगते हैं।  ऐसा मन का प्रबृत्ति होता है।

 

वास्तविक जीवन के आयाम में सकारात्मक बातो के लिए कम जगह होता है

अक्सर जीवन के आयाम में सकारात्मक बातो के लिए कम जगह होता है। इसके पीछे कार ये है की ज्यदाकर मिलाने जुलने वाले लोगो का भावना कोई कोई इच्छा से जुड़ा होता है। ज्यादाकर लोगो की इच्छा नकारात्मक ही होते है।  जिसका प्रभाव दोनों के मन पर पड़ता है। जिसके कार बात सुनाने वाला और बात कहने वाला दोनों के मन पर नकारात्मक इच्छा का प्रभाव पड़ता है।  इसलिए कल्पना के दौरान या कोई विशेष कार्य के लिए कुछ सोचते है। तो उससे जुड़ा हुआ भावना चरितार्थ होता है। इस प्रकार के जो नकारात्मक बाते जब मन में उठाते है। तो गुस्सा भी बहुत आता है। साथ में अपने सोच और कल्पना पर अपना प्रभाव डालता है।

 

जीवन में उन्नति के लिए प्रबृत्ति सकारात्मक होना बहुत जरूरी है

जीवन की प्रबृत्ति सकारात्मक होना बहुत जरूरी है।  वास्तव में सकारात्मक सोच में स्वयं के इच्छा के लिए कोई जगह नहीं होता है यदि स्वयं के लिए कुछ  सोचते है। वह सोच के भावना में या कल्पना में लालच भी आता है। जो की एक निम्न प्रबृत्ति है। जिससे स्वयं के इच्छा  कुछ सोचना या कल्पना करना पूरी तरह से सार्थक नहीं होता है।  इसलिए सोच या कल्पना में कुछ प्राप्त करना चाहते है। तो कल्पना में जिस विषय पर सोच रहे है। मन का झुकाव उसी विषय वस्तु पर होना चाहिये। जिससे उस विषय वस्तु के कार्य में पूरा सफलता मिले। जब वह कार्य सफल हो जाता है। तब उस कार्य के परिणाम से फायदा मिलता है।  वही वास्तविक सफलता होता है। इसलिए कभी भी सोच और कल्पना में अपनी इच्छा को उजागर नही होने देना चाहिए।   

Friday, July 30, 2021

जीवन के प्रेरणा स्त्रोत तब कहा जाता है. जब किसी के जीवन में कोई प्रेरणा किसी अछे व्यक्ति से मिलता है. जिससे वो अपने जीवन में परिवर्तन कर के प्रगति करता है

प्रेरणा स्त्रोत


प्रेरणा स्त्रोत जीवन के तब कहा जाता है. जब किसी के जीवन में कोई प्रेरणा किसी अछे व्यक्ति से मिलता है. जिससे वो अपने जीवन में परिवर्तन कर के प्रगति करता है. जिनके ज्ञान से अपने जीवन को लाभान्वित करता है. प्रेरणा का प्रभाव ऐसा होता है की जिसके जीवन किसी के प्रेरणा मिल जय तो ख़ुशी और प्रसन्नता जीवन में भर जाता है. जिनके जीवन में ख़ुशी और प्रसन्नता जीवन में स्थापित हो गया. समझ लीजिये उनका जीवन सफल है. किसी का प्रेरणा जीवन में बहुत कुछ लाता है.

प्रेरणा स्त्रोत विज्ञान के विषय में सुरु में जिन विज्ञानिको ने जो आविस्कर किया उससे प्रेरणा लेकर उनके बाद आने वाले विज्ञानिको ने दिन प्रति दिन आविस्कारो को बढ़ाते हुए आज हम सब के लिए जीवन सुलभ कर दिया है. यदि आज के समय में हम लोग किसी भी क्षेत्र में कुछ करना कहते है तो सभी कही न कही विज्ञान के ही देन है. इसलिए हमलोगों के लिए सबसे बड़ा प्रेरणा स्त्रोत विज्ञान ही है. भले लोग इस बात को माने या न माने. चाहे दुनिया के किसी भी क्षेत्र में जा कर देखे. सब जगह विज्ञान के ही आविस्कर है. जो दुनियाभर के विज्ञानिको ने ही किया है आज के समय में तो सबसे बड़ा प्रेरणा के स्त्रोत वैज्ञानिक ही है.

प्रेरणा स्त्रोत अविष्कारक ही सृष्टि के जननी होते है. जिस तरह कोई व्यक्ति सिर्फ ज्ञान से पूरा सफलता नहीं प्राप्त कर सकता है. जब तक की अच्छा अनुभव नहीं प्राप्त हो अनुभव ही ज्ञान का विस्तार करता है. नए सृजन का निर्माण करता है. ज्ञान का अनुभव भी प्रेरणा के स्त्रोत होते है. सिर्फ अपने लिए ही नहीं अपितु अपने ज्ञान का अनुभव दूसरो के लिए भी प्रेरणा के स्त्रोत बनता है.   

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Two types of meditation for both types of meditation to happen automatically a little effort has to be made in the beginning, later meditation happens automatically

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