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Thursday, August 26, 2021

सार्वभौमिक (Universal) मानव व्यवस्था में तकनीकी ज्ञान (Knowledge) का उपयोग करने के तरीके वाणिज्य स्नातक कंप्यूटर साहित्य 1-2 वर्ष के अनुभव

ज्ञान (Knowledge)

 

आधुनिक ब्यवस्था में तकनिकी ज्ञान अतिआवश्यक है। आज कल के समय में कंप्यूटर, लैपटॉप, टैब और मोबाइल के जरिये कार्यालय में काम करना अनिबार्य हो गया। जिसके ज्ञान के बिना अब कुछ संभव नहीं है। इसलिए किसी भी क्षेत्र में अत्याधुनिक इलेक्ट्रोनिक यन्त्र का ज्ञान बहूत जरूरी हो गया है। आने वाला भविष्य में अत्याधुनिक इलेक्ट्रोनिक यन्त्र का ज्ञान ही मानवता हो काम धंदा दे सकता है। इसलिए अत्याधुनिक इलेक्ट्रोनिक यन्त्र का ज्ञान अतिआवश्यक और अनिवार्य है।  

 

सार्वभौमिक (universal) मानव व्यवस्था में तकनीकी ज्ञान (Knowledge) का उपयोग करने के तरीके

ज्ञान मानव जीवन के जरूरी होने के साथ काम काज का भी माध्यम है। ज्यादाकर लोग आज कल के समय में कार्यालय में काम करते है। चाहे किसी भी क्षेत्रे में हो, काम करने का माध्यम अत्याधुनिक इलेक्ट्रोनिक यन्त्र कंप्यूटर, लैपटॉप, टैब और मोबाइल के जरिये ही काम करते है। सार्वभौमिक मानव व्यवस्था  में तकनीकी ज्ञान का उपयोग करना अब आवश्यक हो गया है। कंप्यूटर के जरिये हिसाब किताब रखना, खाता के सभी जानकारी को कंप्यूटर लैपटॉप में एक-एक लेन देन का हिसाब संगणित करना, डिजाईन और काम के प्रदर्शन का कार्यक्रम बनाना। लैपटॉप के जरिये ग्राहकों को प्रदर्शन दिखाना, सामान के खरीदारी के लिए आकर्षित करना। ब्यावासिक प्रतिष्ठान के प्रचार प्रसार के लिए वेबसाइट बनाना। दूर देश में बैठे लोगो को ब्यावासिक प्रतिष्ठान प्रदर्शन दिखाने के लिए वेबसाइट बहूत अच्छा माध्यम है। लैपटॉप, टैब के जरिये ऑनलाइन ब्यवहार और बातचीत करने का सबसे अच्छा माध्यम है। जिसमे गूगल मेल, वाट्स अप्प, टेलीग्राम आदि अप्प के जरिये टैब और मोबाइल से बर्तालाप कर सकते है।  सामाजिक मीडिया  फेसबुक, ट्विटर, इन्स्ताग्राम, यूट्यूब, रेड्दित, मोज, के जरिये सार्वभौमिक मानव व्यवस्था में तकनीकी ज्ञान के जरिये प्रचार प्रसार करते है। मोबाइल मुख्य तौर पर बातचीत करने के लिए किया जाता है। सन्देश भेजने के लिए जाता है। ऑनलाइन और ऑफलाइन, जहा पर ऑनलाइन ब्यवस्था नहीं होते है। वह पर मोबाइल के जरिये बर्तालाप या सन्देश के जरिये लोगो को ब्यावासिक प्रतिष्ठान के बारे में प्रचार प्रसार करते है। जिससे काम धंदा फलता फूलता है। इस तरह से वर्त्तमान में सार्वभौमिक मानव व्यवस्था में तकनीकी ज्ञान का उपयोग करते है।    


मैं मोबाइल के माध्यम से सूक्ष्म कार्य का ज्ञान (Knowledge) कैसे प्राप्त करूं?

आज कल के समय में बहूत अच्छे अच्छे मोबाइल निकल गये है। जिसमे फोटो निकालने के लिए अत्याधुनिक तकनिकी के कैमरा आ चुके है। सूक्ष्म कार्य जो बहूत छोटे होते है। उनको फोटो निकाल कर बड़ा कर के देख सकते है। सूक्ष्म कार्य को पूरा कर सकते है। कोई काम कर रहे है। जिसके बारे में छोए मोटे जानकारी मोबाइल इन्टरनेट के जरिये निकल कर जिसका ज्ञान पहले से मालूम नहीं होता है। उस ज्ञान को पढ़कर काम को पूरा कर सकते है। कोई भी काम इतना आसान नहीं होता है। जितना लोग समझते है। किसी भी काम के गहराई में जाने के बाद ही मालूम पड़ता है। उस कम का आयाम क्या होता है। ये कोई जरूरी नहीं है की मनुष्य को पूरा ज्ञान होता ही है। कही न कही कुछ न कुछ बाकि जरूर रह ही जाता है। जैसे किसी काम का सूक्ष्म अनुभव के लिए कही न कही से ज्ञान और अनुभव का सहारा लेना ही पड़ता है। मौजूदा समय में हर ब्यक्ति के हाथ में कंप्यूटर लैपटॉप साथ में इन्टरनेट मौजूद हो ये जरूरी नहीं है। हर ब्यक्ति के हालत एक जैसे नहीं होते है। पर ज्यादाकर लोगो के हाथ में मोबाइल इन्टरनेट के साथ होते है। जिसमे खोज बिन कर के काम का सूक्ष्म अनुभव प्राप्त कर सकते है। आज के समय में इन्टरनेट पर हर प्रकार का ज्ञान मौजूद होता है। पढ़कर समझकर विडियो देखकर हर कार्य के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते है। इस तरह से मोबाइल के माध्यम से सूक्ष्म कार्य का ज्ञान कैसे प्राप्त कर सकते है।   


वाणिज्य स्नातक कंप्यूटर साहित्य 1-2 वर्ष के अनुभव के साथ अंग्रेजी का अच्छा ज्ञान (Knowledge) आवश्यक

वाणिज्य स्नातक कंप्यूटर साहित्य 1-2 वर्ष के अनुभव के साथ अंग्रेजी का अच्छा ज्ञान होना बहूत आवश्यक है। आज कल के समय में हर कार्य अंग्रेजी भाषा में ही होता है। अंग्रेजी भाषा अंतर रास्ट्रीय भाषा है। कंप्यूटर, लैपटॉप, टैब, मोबाइल सब मुख्य तौर पर मुख्य भाषा अंग्रेजी भाषा में ही चल रहे है। ब्यावासिक प्रतिष्ठान में ज्यादाकर अंग्रेजी भाषा का ही प्रयोग किया जाता है। सहकर्मी भी अंग्रेजी भाषा का ही प्रयोग करते है। इसलिए वाणिज्य स्नातक कंप्यूटर साहित्य 1-2 वर्ष के अनुभव के साथ अंग्रेजी का अच्छा ज्ञान अतिआवश्यक है।





Electronics

Thursday, August 19, 2021

कल्पना में जब तक कोई मॉडल या प्रतिबिम्ब नही हो तो कल्पना घटित ही नहीं हो सकता तो कल्पना एक घटना ही हो सकता है

कल्पना के साथ किस मॉडल का प्रयोग किया जाता है ?


कल्पना में जब तक कोई मॉडल या प्रतिबिम्ब नही हो तो कल्पना घटित ही नहीं हो सकता है। कल्पना एक घटना ही हो सकता है। जब तक की कल्पना स्वतः घटित नहीं होता है। तब तक कल्पना को कल्पना नहीं कह सकते है। जब तक कल्पना में स्वतः प्रतिबिम्ब के धुन्दले चित्र नजर नहीं आ जाते है। कल्पना को प्रभावशाली बनाने के लिए कल्पना के मॉडल या प्रतिबिम्ब के अनुरूप कार्य सुरु करना पड़ता है। कल्पना के एक एक इकाइयों के अनुसार जीवन में कार्य को आरंभ करना पड़ता है। जब तक की कही न कही से कुछ न कुछ सुरुआत नहीं करेंगे। तब तक कल्पना का कोई मतलब ही नहीं रहेगा। फिर कल्पना निरर्थक ही साबित होगा। कल्पना जब कभी भी घटित होता है। तब कल्पना मन को क्रियाशीलता के तरफ प्रेरित करता है। कल्पना के अनुरूप मन को सक्रिय होना बहूत आवश्यक है। कल्पना पूर्वानुमान घटना है। क्रियाशीलता वर्तमान में घटित होने वाला घटना है। कार्य की सक्रियता कल्पना का परिणाम है। कल्पना घटित होता है तो उससे जुड़े हुए कार्य का पृष्ठभूमि तयार होता है। सोच कल्पना को घटित करता है, इसलिए जीवन के विकाश में सकारात्मक सोच होना ही चाहिए, सोचना मन का प्रकृति है, सोच का आरंभ बाहरी मन में विवेक बुध्दी से होता है, सोच यदि सकारात्मक है। तो अंतर मन काल्पन के रूप में घटित करता है। सोच के लिए प्रयाश करना पर सकता है। कल्पना में पूर्वानुमान को देखते ही मन वर्त्तमान में महशुश करता है। सब कुछ ठीक रहा तो कल्पना गतिशील हो जाता है। मन को प्रतिबिम्ब दिखाना शुरु कर देता है। कार्य के सक्रियता कल्पना के प्रतिबिम्ब मॉडल के अनुसार काम करना सुरु कर देता है। इसलिए सफलता के लिए सोच और काल्पन से ज्यादा कार्य में सक्रियता अतिअवश्यक है।      

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Meditation of the divine Meditation is done in many ways  Meditation is tried in the beginning, later meditation happens automatically. Me...