Saturday, June 21, 2025

बंदरिया बाबा के कहे अनुसार कोई भी व्यक्ति मालिक के आज्ञा के बगैर कुछ नहीं कर सकता है मनुष्य जीवन ज्ञान प्राप्त करने के लिए है

  

रहस्य से भरा बंदरिया बाबा

 

पीलीभीत का रहने वाला बंदरिया बाबा दो साल पहले बहराइच जिला के मिहीपुरवा सुजौली थाना रामगाँव में आए थे।

मोटर साइकिल से आकर एक दिन पीपल पेड़ के उपार चढ़ कर बिल्कुली उची छोटी के फुनगी पर बैठ गये.

इसको देखने के लिए लोगो की भीड़ जुटाने लग गई.

जहा कोई पक्षी भी अपना घोसला नहीं बनाते है.

प्रशासन के कारवाही के बाद उन्हें उतरना पड़ा और उनहे सुजौली थाना में बंद कर दिया.

 

बंदरिया बाबा इसके बाद 

इलाहबाद के खासाह मोहम्मदपु के विस्नुपुर्वा गाँव मेहसी में भी ऐसे ही पीपल के पेड़ पर चढ़ गये.

पहले जैसा फिर पेड़ के उची छोटी पर रात भर रहे.

वहा पूजा आरती हवन किये और पूरा रात पेड़ पर ही रहे.

इसके निगरानी में प्रशासन पूरी रात वही रही की बाबा कही गिर नहीं जाये या कोई अप्रिय घटना न हो.

ऐसा होने के बाद लोगो वहा भी बाबा को देखने जुटने लगे.

 

बंदरिया बाबा पुनः चार महीने के बाद 

फिर बहराइच जिला के मिहीपुरवा सुजौली थाना में रामगाँव में पहुचे और पुनः वैसे ही पेड़ पर चढ़ कर पूजा अर्चना किये. बात चर्चा तब आया जब बंदरिया बाबा दोबारा बहराइच पहुचे. खुद को पीलीभीत का रहने वाला बताने वाला बाबा खुद के बारे में कुछ नहीं बताये. सिर्फ बताये की वे हनुमान जी के भक्त है और उनकी मर्जी से वे पीपल के पेड़ पर चढ़े थे. बंदरिया बाबा के इस आश्चर्यजनक कारनामा से लोग उन्हें प्रेत बाबा, भूत बाबा, नट बाबा, बंदरिया बाबा इत्यादि बुलाने लगे.

 

बंदरिया बाबा के कहे अनुसार 

कोई भी व्यक्ति मालिक के आज्ञा के बगैर कुछ नहीं कर सकता है. मनुष्य जीवन ज्ञान प्राप्त करने के लिए है. उन्होंने यहाँ तक कहा की टट्टी में पालने वाला कीड़ा भी मेरे से आगे है. मै तो हनुमान जी का एक छोटा भक्त हूँ. उनके मर्जी से ही पेड़ पर रहता हूँ. उन्होंने ये भी बात कहा की समाधी के बगैर कोई भी मनुष्य ज्ञान हासिल नहीं कर सकता है. उसके बाद चाहे तो पेड़ तो क्या हवा में भी रुक सकता है. मालिक के मर्जी के बगैर एक पत्ता भी नहीं हिल सकता है.

 

बंददिया बाबा के कारनामे 

प्रशासन को भी उनके कारनामे पर पूरा विस्वास हो गया. श्रद्धा और विश्वास से बंदरिया बाबा को देखने के लिए लोगो की भीड़ उमड़ने लगे. बाबा से पूछा गया की बाबा आप चार महिना काहा थे तो उन्होंने बताया की बद्री नारयण हिमालय में था और यहाँ से चित्रकूट जाना है.

 

एक आम इन्सान के जैसा दिखने वाला रहस्यमय पुरुष 

बंदरिया बाबा  के पास इतने अद्भुत शक्ति को देखने के लिए लोगो में चर्चा होने लग गया. मिहीपुरवा सुजौली के पास ही एक हनुमा मंदिर में रहने लगे और वही एक अशोक के पेड़ के निचे अपना स्थान बाबा बना लिया. रात को उसी पेड़ की छोटी पर रहने लगे पूरा रात पेड़ की छोटी पर ही रहते थे. कुछ दिन बाद वो वह से चले गए.

बंदरिया बाबा

फैशन नेताओं की क्या भूमिका है?

  

मैं अपनी प्रोफ़ाइल फ़ोटो फ़ैशन पत्रिका में प्रकाशित करना चाहता हूँ.

फ़ैशन पत्रिका में प्रकाशित फ़ोटो फ़ैशन के मापदंड में गुणवत्ता से भरा होना चाहिए.

कोई भी फ़ोटो बहूत अच्छे मेगापिक्सेल वाले कैमरा से ही लिया जाना चाहिए.

फ़ोटो के रंग और रूप बिलकुल साफसुथरा होना चाहिए.

बैकग्राउंड में विषय को मेल करने वाले ग्राफिक या बैकग्राउंड थीम होना चाहिए.

अपने चरित्र को दर्शाने वाला भूमिका विषय वस्तु पर आधारित होना चाहिए.

वस्त्र और रूप साजसज्जा अपने चरित्र में निखार लाने के लिए अतिआवश्यक है. 

 

फैशन नेताओं की क्या भूमिका है?

नेता अपने देश राज्य और क्षेत्र के लिए एक विशिष्ठ नागरिक होता है.

जो अपने ओहदे और भूमिका के अनुसार अपने क्षेत्र में प्रचलित होता है.

अपने ओहदे और भूमिका के अनुसार उसका पहनावा भी उत्तम होना चाहिए. 

जिसे फैशन कहते है. नेता के बात विचार और सोचने बोलने के ढंग से उनके जो प्राकृत निखरकर आता है.

उसके अनुसार मेल होने वाला वस्त्र, आभुषन साजसज्जा होना चाहिए.

तभी नेता के बाहरी प्रकृति में निखर के साथ पहचान बनता है.  

 

बिग फैशन बकेट वेबसाइट भरोसेमंद है या नहीं?

फैशन बकेट वेबसाइट बिग फैशन के लिए जाना जाता है.

जो पूरी तरह से अपने विशिष्ठ डिजाईन और कलाकारी के लिए प्रख्यात होता है.

बिग फैशन लोगो के पसंद के अनुसार चलता है.

इनके माप दंड बेहद सटीक होते है.

जो सहज पहनावा के साथ सबसे अच्छा करने का प्रयास करते है. इनके पहनावे बड़े वेशकीमती होते है.

डिजाईन और पहनावे से सहमत है तो बिग फैशन बकेट वेबसाइट जरूर  भरोसेमंद है. 

फैशन

फाइबर ग्लास का काम करना सीखे। Study, Learn and Theory of Fiberglass.

  

 फाइबर ग्लास का काम करना सीखे। 

Theory Study and Learn Fiberglass 

 

फाइबर ग्लास के मोल्ड को तैयार करना  

Mold making in fiberglass

फाइबर ग्लास के मोल्ड को तैयार करने के लिए जिस वस्तु का मोल्ड बनान है.  उस वस्तु को कायदे से साफ सफाई कीया जाता है.  सब जगह पर रिलीसिंग वैक्स लगाया जाता है.  उसके बाद पीवी लगाया जाता है.  सूखने के बाद वस्तु के साइज के हिसाब से, अंधरुनि भाग और बाहरी भाग को समझ कर  फाइबर ग्लास के मोल्ड के टुकड़े का निर्धारण किया जाता है.
  
पेपर, कार्ड बोड, मिटटी जो उपलब्ध हो उससे १.५  इंच या २ इंच का वास्तु के साइज के हिसाब से मोल्ड के टुकड़े का घेरा लगाया जाता है.  नट वोल्ट लगाने के लिए घेरे का साइज १.५ इंच या २ इंच रखा जाता है रिलीसिंग वैक्स पीवी कर के घेरा और वास्तु दोनों का ढलाई किया जाता है.  सूखने के बाद  दूसरे और घेरा लगाकर रिलीसिंग वैक्स, पीवी लगाकर ढलाई किया जाता है.
  
सब मोल्ड के टुकड़े को वास्तु पर घेरे के हिसाब से बारी बारी से ढलाई किया जाता है.  सब मोल्ड के टुकड़े के ढलाई के सेट होने बाद  ग्राइंडर से सफाई किया जाता है.  घेरे वाले भाग को ड्रिल मशीन से छेदाई किया जाता है.  नॉट बोल्ड लगाकर मोल्ड के टुकड़े को एक दूसरे से जोड़ने के लिए घेरे पर छेदाई किया जाता है.  सभी मोल्ड के टुकड़े को बरी बरी से खोलकर पालिश पेपर से घिसाई, सफाई और फाइबर ग्लास के मटेरियल से मरम्मत कर के फाइबर ग्लास के मोल्ड को तैयार किया जाता है. इस तरह से फाइबर ग्लास का मोल्ड तैयार होता है। 
 
 
 
 
 systematically stapes by stapes learn fiberglass according advice in blog text 
 

 

फाइबर ग्लास के मोल्ड को ढलाई के लिए तैयार करना  

How can Prepare Mold to Cast Fiberglass

फाइबर ग्लास का काम करने के लिए सबसे पहले फाइबर ग्लास के मोल्ड को थिक तरिके से साफ सफाई  कर के उसमे रिलीसिंग वैक्स को कायदे से ब्रश से लगाया जाता है  फिर उसकों  थोड़ा सूखने के बाद पीवी को ब्रश से लगाया  जाता है  सांचे को पूरी तरीके से सूखने के लिए रख्खा जाता है  चुकी पीवी में पानी का असर होता है  इसलिए सांचे को पूरी तरीके से सुखना  जरूरी  है, कई डिज़ाइन के फाइबर ग्लास के मोल्ड के कई टुकड़े होते है  जिनको नट वाल्ट से जोड़कर तैयार किया जाता है। 

फाइबर ग्लास  के मोल्ड के किनारे वाले घेरे को भी रिलीसिंग वैक्स पीवी किया जाता है ध्यान रहे रिलीसिंग वैक्स और पीवी कही भी बाकि न रहे नहीं तो फाइबर ग्लास के मोल्ड ढलाई के बाद एक दूसरे से  चिपक जायेगा फिर दोनों ढलाई  किया हुआ फाइबर ग्लास वास्तु और फाइबर ग्लास के मोल्ड दोनों  ख़राब हो जायेगा इस तरह से फाइबर ग्लास के मोल्ड को ढलाई के लिए तैयार किया जाता है।   

 

 

 फाइबर ग्लास का काम करना सीखे 
 

फाइबर ग्लास के ढलाई के लिए सामान तैयार करना

How can Prepare Cast Material of Fiberglass

फाइबर ग्लास के मटेरियल को बनाने के लिए जरूरी सामान  रेजिन कोबाल्ट और पाउडर को आपस में मिलाया जाता है, हार्डनर को जब ढलाई किया जाता है तभी डाला जाता है  हार्डनर को सब सामान के साथ इसलिए नहीं डाला जाता है क्योकि वो मटेरियल को सेट कराने लगता है।   

फाइबर के  मटेरिल को एक बार बनाया जाता है  और उस में से बारम्बार निकलकर हार्डनर को मिलकर सांचे में पोता जाता है  फिर ब्रश को थिनर में धोया जाता है  नहीं तो ब्रश भी सेट होने लगेगा  और वो ख़राब हो जायेगा इसलिए  ब्रश को हर बार धोना जरूरी है। 

मटेरियल दो  प्रकार का बनता है  एक में रेज़िन, कोबाल्ट और पाउडर होता है तह बनाने ले लिए दूसरा रेज़िन होता है उसमे सिर्फ कोबाल्ट मिलाया जाता है  चोप्ड़ स्ट्रैंथ मैट को बैठने के लिए  

 

  फाइबर ग्लास का काम 
 
 

 

रेजिन की मात्रा १ लीटर, कोबाल्ट की मात्रा १० ml और हार्डनर की मात्रा ५ ml या काम करने के हिसाब से काम जायदा कर सकते है,  पाउडर को अपना डिज़ाइन के अनुसार से उपयोग कर सकते है  डिज़ाइन के हिसाब से कभी कम कभी जायदा उपयोग कर सकते है, चोप्ड़ स्ट्रैंथ मैट के कई प्रकार होते है उनके मोटाई के हिसाब से अंक दिए होते है वो ३००/४५०/६०० इत्यादि मोटाई के हिसाब से होते है। 
 
ढलाई के रंग के लिए पिग्मेंट आता वो कई रंगो में मिलता है जरूरत के हिसाब से उपयोग किया जाता है। 
 
ब्रश का उपयोग फाइबर ग्लास के वास्तु के ढलाई के लिए किया जाता है।  
 
थिनर का उपयोग ब्रश के धुलाई के लिए किया जाता है। 
 
हाथ में पहनने के लिए रबर के दस्ताने का उपयोग किया जाता है। 
 

फाइबर ग्लास का ढलाई करना 

Casting of Fiberglass Mold

 
फाइबर ग्लास के मटेरियल को ब्रश से सांचे में पोता जाता है  एक तह पूरा होने के बाद अपने काम के हिसाब से तह को बढ़ाया जाता है  हर बार ब्रश को थिनर थोया जाता है  ताकि वो ख़राब न हो जय अंत में चोप्ड़ स्ट्रैंथ मैट को लगाकर रेजिन को कोबाल्ट और हार्डनर के साथ मिला कर मैट को बैठाया जाता है  मटेरियल को सेट होने तक, जब तक की वो मजबूत न हो तब तक रुका जाता है।  
 
चाकू से किनारे की सफाई कीया जाता है  सांचे को  नट वॉल्ट लगाकर ठीक से बैठाकर जोड़ा जाता  किनारे को मटेरियल और हार्डनर मिलकर जोड़ा जाता है किनारे को जोड़ने के लिए चोप्ड़ स्ट्रैंथ मैट लगाकर  रेजिन के बने मटेरियल को ब्रश के सहायता से बैठाया जाता है।  
      

फाइबर ग्लास का मरम्मत करना  

Prepare of Fiberglass piece to repair

 
 फाइबर ग्लास के मरम्मत करने के लिए सामान को सांचे से बनकर निकलने के बाद उसको घसाई घिसाई की आवश्यकता होता है जिसको ग्राइंडर और पालिश पेपर से किया जाता है जो की ६०, ८०, १००, १२०, १५०, ३०० क्रमांक में मिलता है सबसे पहले ग्राइंडर से किया जाता है जिसके गोल वाले डिस्क होते है आम तौर पर फाइबर ग्लास के मरम्मत के लिय उपयोग  किया जाता है  जिसके घिसाई के लिए उपयोग किया जाता है  जोड़ वाले भाग को ग्राइंडर से घसाई कर के साफ किया जाता है.  
 
उसके बाद पालिश पेपर से घसाई किया जाता है  जोड़ वाले भाग के  टूटे फूटे भाग को फाइबर गिलास  मटेरियल को हार्डनर मिलहार चाकू से भरा जाता है  चाकू से  सफाई कर के पालिश पेपर से सफाई किया जाता है इस तरह से फाइबर ग्लास के काम को किया जाता है। 
 

फाइबर ग्लास के सामान का धुलाई और रंग रोगन 

Prepare of Fiber Glass Goods for Clean and Painting

 

फाइबर ग्लास के धुलाई करने कारण के लिए सर्फ और  कास्टिक सोडा और सर्फ का इस्तेमाल किया जाता है  थिक से  सूखाकर कर फुहारे वाले मशीन से रंगाई और रोगन किया जाता है  

 

शुरुआती फाइबर ग्लास परियोजनाए

Fiberglass Projects for Beginner

 

शुरूआती फाइवर ग्लास की परियोजनाए पर काम करने के लिए मुख्य जरूरी है  काम का अच्छा जानकारी और लगने वाले मटेरियल के मात्रा का सही जानकरी और कौन कौन से जरूरी सामान उपक्रम लगते थे वो सभी खुद के पास उपलब्ध होने चाइये जैसे कटर, ग्राइंडर, ड्रिल मशीन, नट वोल्ट, पक्कड़ कसने के लिए पाना जरूरी पड़ता  है अच्छे कारीगर  के साथ में मदत करने के लिए मजदूर आवश्यकता पड़ता है जो की फाइवर ग्लास की परियोजनाए पर शुरूआती काम को कायदे से किया जा सके और अपने ब्यापारी को अच्छा सामान मुहैया करा सके जिससे उसे अच्छा लगे और पहचान बनकर और अच्छा काम मिल सके।           

प्रोग्राम राइटिंग के दौरान अपनी तार्किक सोच को कैसे बढ़ाएं

  

विचार लोगो के बिच होने के साथ साथ स्वयं में भी मन ही मन विचार उत्पन्न होते है। 

जब किसी कार्य या व्यवस्था में व्यस्त रहते है, विचार हमारे कार्य प्रणाली को बना भी सकता है और बिगार भी सकता है। विचार से सदा सचेत रहे और उनकी विचार को हवा दे जो सक्रीय कार्य से जुदा हुआ हो। एकाग्रता में थोडा सा भी अचेतन विचार को बिगाड़ सकता है। अच्छे विचार के लिए अपने कार्य प्रणाली में एकाग्रता से सचेत होकर पूरा ख्याल रखे। विचार सकारात्मक और सक्रिय तार्किक सोच को बढ़ाए कार्य के लिए ही होने चाहिए।

प्रोग्राम राइटिंग के दौरान अपनी तार्किक सोच को कैसे बढ़ाएं?

प्रोग्राम राइटिंग बेहत संवेदनशील कार्य है। इस में किसी भी प्रकार के कमी की गुंजाइश नहीं होने चाहिए।  कुछ कम रह गया तो पृष्ठ का प्रदर्शन ही नहीं होगा। इसलिए प्रोग्राम राइटिंग के दौरान तर्क वितर्क कर के हर प्रकार से असुध्दी को निकाल कर त्रुटी को कम से कम कर के पृष्ठ का प्रदर्शन किया जाता है।  प्रोग्राम राइटिंग के दौरान अपनी तार्किक सोच विचार को बढाने के लिए, अपने प्रोग्राम राइटिंग में उभरते सोच विचार को अधिक से अधिक समझने का प्रयास करना चाहिए।  हर शब्द के जितना ज्यादा मतलब निकल सकता है उसे प्रोग्राम राइटिंग में उतारने का प्रयास करना चाहिए।

प्रोग्रामिंग के दौरान हर उस पहलू का अध्ययन करना चाहिए जो तार्किक सोच को बढ़ाए जरूरी है।

ज्यादा से ज्यादा अध्ययन करना चाहिए जिससे ज्ञान भी बढेगा साथ में तार्किक सोच में भी विकाश होगा। जब तक कई विषयो का तुलनात्मक अध्ययन नहीं करेंगे तब तक तार्किक सोच को नहीं बढ़ा पाएंगे। जब भी किसी विषय पर अध्ययन कर के प्रोग्राम राइटिंग करे तो उसके हरेक पहलू को कायदे से समझने का प्रयास करे। प्रोग्राम राइटिंग के कई तरीके से समझे विषय की तुल्नातक अध्ययन भी करे। परिणाम मिलाने पर उसके गहराई में छिपे हर पहलू को समझे तो प्रोग्राम राइटिंग के दौरान अपनी तार्किक सोच को बढ़ा सकते है।  

  तार्किक सोच को बढ़ाए जरूरी है 

रचनात्मक सोच के साथ अलग तरीके से कैसे जिएं?

रचनात्नक सोच विचार जीवन में ख़ुशी और रोमांच के उल्लास को जीवन के रंग को भर देता है। एक तो जीवन में जारी क्रियाकलाप के और उद्देश्य तो होते ही है। जिसमे इन्सान जीवन ब्यतित करता है। रचनात्मक सोच को समझे तो आम जीवन से बहूत कुछ हटकर होता है। इन्सान अपने तार्किक सोच को बढ़ाए जीवन को जीता ही है जिस माहौल ब्यवस्था को अपनाकर जीता रहा है, उससे अलग चाहता है। जिसमे जीवन के और रंग को भरा जा सके। रचनात्मक सोच को पूरा करने के लिए प्रयास भी करके कुछ सफलता भी प्राप्त किया जा सकता है। रचनात्मक सोच के साथ जीने के लिए जीवन के तरीके को बदलता होता है। भले जीवन में सब कुछ हर किसी को प्राप्त नहीं होता है। लोग प्रयास तो करते ही है।

अपने जीवन में रचनात्मक सोच को स्थापित भी करते है।

वास्तविक जीवन से रचात्मक जीवन बहुत अलग होता है। इन्सान को चाहिए की सोचे विचार करे जीवन में पहले से क्या है? वास्तविक जीवन किस तरीके से चल रहा है? रचनात्मक सोच तो जीवन के लिए जरूरी ही है। जब तक इन्सान सोचेगा नहीं समझेगा नहीं तब तक आगे नहीं बढेगा। इसलिए रचनात्मक सोच को हमेशा सकारात्मक बना कर रखे। जीवन जिस तरीके से चल रहा है चलने दे। अपने रचनात्मक सोच विचार के बारे में कल्पना भी करे। अपने इच्छा को कभी भी ब्यर्थ नहीं जाने दे।

मन है तो इच्छा होगा ही कभी भी इच्छा पूर्ति न होने पर मन को कभी दुखी नहीं करे। एक कहाबत है समय से पहले और भाग्य से ज्यादा कभी किसी को कुछ नहीं मिलता है। आशा का दामन थामे रखे। जीवन को सकरात्मका बना कर रखे। उम्मीद पर तो पूरी दुनिया काबिज है। इस तरीके से रचनात्मक सोच के साथ जिया जा सकता है।   

प्रेरणादायक वाक्य स्वयं के लिए प्रेरणादायक उदाहरण (Self motivational quote Self inspirational quote)

  

स्वयं के प्रेरणात्मक उद्धरण (self motivation quotes)

self motivation quotes दुःख अपनों से ज्यादा और परायो से कम होता है.

स्वयं के प्रेरित विचार (Self inspirational quote)

 

गरम मिजाज़ पर काबू और सरलता का बढावा देना.   किसी भी प्रकार के विवाद को काबू में रखने के लिए कामयाबी हासिल करता है.

दूसरो को चक्कर में डालने वाले कभी ये मत भूले की वो स्वयं सात चक्र के चक्कर में फसे हुए है, जिसमे से वो कभी भी नहीं निकल सकते है यदि ऐसा करना जारी रखते है तो.

गुलाब से सुगंध आती है तो उसके तन में भी कांटे रहते है, जीवन को सुगन्धित बनाने के लिए काँटों से भरे रास्ते पर भी चलाना होता है, यही वास्तविक जीवन का सच्चा ज्ञान है.

किसी की चाह में अपने मन के खुशियों का बलिदान कुछ समय के लिए शांति दे सकता है, पर दिल सोचता है की ये शांति कब तक टिका रह सकता है.

जीवन में खुशहाल जिंदगी जीने के लिए लड़ना जरूरी है तो खुद के ख़ुशी के लिए जरूर लड़े, पर किसी दिन दुखी मजलूम के लिए दिल में दया की भावना जरूर रखे इससे परमात्मा प्रसन्न होते है.

किसी के मन को जितना है तो खुद को पुरे मन से चाहना सीखिए, जिस दिन खुद से प्यार करने लग जायेंगे तो किसी के भी मन को जित सकते है.

जीवन को भागम भाग बनाने से मन को ख़ुशी नहीं मिलाती है, वास्तविक ख़ुशी तो जीवन के इस्थिरता में समाहित है.

कोई भी तो कुछ भी नहीं अपने साथ लाया है, जाने के समय भी तो वो कुछ भी नहीं ले जा पायेगा. self motivation quotes

जज्बात में रहने से व्यवहार नहीं बनता है, सोच समझकर व्यवहार करने से काम बनता है, किसी चीज की प्राप्ति के लिए बुद्धि विवेक से काम लिया जाता है.

तक़दीर को दोष देने से कोई फायदा नहीं है, इससे कोई काम नहीं बनता है, अपने कर्म को समझने से तक़दीर का दोष समझ में आता है.

उज्जवल भविष्य के लिए खुश और प्रसन्न रहना चाहिए, दुखी और निराश रहने से परमात्मा कभी साथ नहीं देते है इससे दुःख और बढ़ता है.

अपने हित के लिए दूसरो को आहात पहुचना कहाँ तक ठीक है, हम किसी को कुछ देते है तो हमें भी कुछ प्राप्त होता है, लेन देन प्रकृति की दें है इससे कोई बाख नहीं सकता है.

 

जीवन संघर्स से भरा हुआ है, सुख दुःख जीवन का साथी है, इससे चाहे जितना भागना चाहे, ये कभी भी अपना साथ नहीं छोड़ते है है.

मस्तिष्क पर सवार होने वाले सवाल से यदि व्यथित नहीं हो तो वही सवाल बिगाड़ने के बजाय बेकार हो जाते है.

जो जोश से भरकर बेहोशी में गलत कदम उठाता है, फिर उसके कदम कभी भी सही रास्ते पर नहीं जाते है.

किसी के दिल को दुखाने से पहले समझ ले की उसके दिल से निकले एक एक आह को बद्बुआ बनाने में बिलकुल भी समय नहीं लगता है.

दिल के जख्म को निदान देने के बदले यदि कुरेद दिया जाये तो इन्सान इसलिए शैतान बन जाता है.

घाव चाहे जैसा भी हो वो भर जाता है, यदि बारम्बार कुरेद रहे है तो उसको कभी भरने का मौका नहीं मिलाता है, फिर वो नासूर बन जाता है.

किसी के रास्ते को रोकने कोई फायदा नहीं मिलाता है, दुसरे रास्ते स्वतः ही खुल जाते है, पर रास्ते रोकने वालो के जीवन में हजारो रुकावट स्वतः ही उत्पन्न हो जाते है, जिसका उसे कभी पता नहीं चलता है.

जीवन के स्वास के आभा का रंग चमकदार होता है, चिंता फिक्र का प्रभाव उसका रास्ता रोककर उसे मलिनता में परिवर्तित कर देता है, इसके कारन से ही जीवन में अन्धकार फ़ैलाने लग जाता है.

जिसके साथी बनाने में कोई हर्ज नहीं है तो उसके दुश्मन बनाने से कोई फड़क नहीं पड़ता है, आत्मा को सबकुछ पता होता है, दुश्मनी करने वालो के जीवन में किसी भी सत्कर्म का परिणाम भी सकारात्मक नहीं निकलता है.

मन में लगी आग कभी भी जीवन में नहीं लगना चाहिए, मन इसी आग में जलकर एक दिन प्रखर होता है, पर जब मन की आग जीवन में लग जाती है, तो प्रखर होने के बदले पतन की ओर ले जाती है.

जीवन की खुबशुरती भावनाओ में खोजने के बदले अपने चरित्र में खोजने से मन मस्तिस्क में निखार आता है.

 

दुसरे के ह्रदय को सताने से खुद के पीड़ा का पता नहीं चलता है और जीवन का पतन भी समझ नहीं आता है.

एक न एक दिन सबको मरना है खुल कर जीना चाहिए.

सुख के तलाशा में खुद के जीवन को प्रताड़ित करने से आत्मा को कभी शांति नहीं मिलाती है.

सुख के खातिर सभ्यता छोड़ने से दुःख और भी बढ़ जाता है.

कितने भी कांटे जीवन हो पर पीड़ा सभी कांटे से नहीं होता है.

हमसे उलझकर के क्या फायदा उलझन को समझना है तो अहम् से उलझन देखे.

जीने की राह में पत्थर डालने वाले के जीवन में असंख्य पत्थर पहले से होते है, जिन्हें वो बटता रहता है.

कर्म के अनदेखी में न जाने कितने ऐसे कार्य हो जाते है जिसे कभी करना नहीं चाहिए.

चाहे जैसा भी समय हो पर सादगी जीवन से कभी जाना नहीं चाहिए.

झूठ के परदे से सच्चाई कभी भी उजागर हो सकता है.

 

असफलता ही सफलता के निशानी है, हार कर भी लोग जीतते है, प्रयास कभी कम नहीं होनो चाहिए.

संघर्स आखिरी दम तक करना होगा, भले जिंदगी में उतार आये या चढ़ाव,

अपने दायित्वों से कभी मुह नहीं मोरना होता है.

जीवन में विकाश के लिए अथक परिश्रम और संघर्स करना पड़ता है.

शरीर को चुस्त दुरुस्त रखना है तो सुबह जल्दी उठे पर रात को देर से न सोये.

जीवन में कुछ बनाना चाहते है तो मानसिक इच्छा का त्याग करना सीखे.

मनोबल मजबूत है तो कठिन से कठिन कार्य कर सकते है.

मन को शांत करने से अच्छा है की स्वयं शांत होकर रहे मन को शांति मिलेगी.

जीवन में ऊपर उठाना है तो किसी से कुछ लेने की भावना से बेहतर है देना सीखे.

ह्रदय में प्रसन्नता चाहते है तो मन के कठोरता का त्याग कर दे.

भोजन वही करे जिससे शरीर चलता है जो शरीर को लगे.

असत्य के पीछे भागने से अच्छा अपने मन में झाक कर देखे.

कौन से हम कितने बेहतर है क्यों किसी को दिल से बुरा कहे.

कथनी से करनी अच्छा है न की करनी से कथनी.

बीती यादो में भटकने से अच्छा है की वर्तमान में जीना सीखे.

कल्पना वही करे जिसे पूरा करने में सहूलियत हो.

कल्पना को कभी भी कल्पना के परे नहीं होने दे.

सोचसमझबुद्धिविवेक ये सभी गुण है.

 

अज्ञान के अँधेरे में रहने से अच्छा है की ज्ञान के प्रकाश में रहे.

सोच समझ कर किया गया कार्य कभी व्यर्थ नहीं जाता है.

अच्छा करे स्वयं के बारे में कभी बुरा नहीं सोचे.

दिन के कार्य को रात में कभी पूरा न करे रात को रात ही रहने दे.

जब रात गई और बात गई तो फिर पीछे मुड़कर क्यों देखना.

महत्वकांक्षी बनाने से अच्छा है सदाचारी बने.

ब्रहमचर्य और धर्म के रक्षा के लिए सत्यनिष्ठ और निडर बने.

जीवन हा तो संघर्स भी है स्वयं से फिर क्यों भागना.

डरने से अच्छा है अपने लक्ष्य को पार कर जाये.

रोटी कपडा मकान सबसे जरूरी चीज है.

पापी पेट के लिए चाहे कुछ भी करना पड़ेपर मन को कभी भी दुर्बल नहीं होने दे

 

मन से बड़ा जानुक और निष्ठुर दुनिया में कुछ भी नहीं हैमन के भाव के निष्ठुरता से बचने के लिए स्वयं के कठोरता को छोड़ दे.

जीवन में तन्हाई को स्वीकार करना सीखेआने जाने वाले ख्यालो से मन को बचाकर रखे.

भरोसे पर पूरी दुनिया कविज हैपर क्या स्वयं से एक भी भरोसा कर सकते है.

विश्वास मन की जित हैस्वयं से विश्वास मनोबल हैदूसरो पर विश्वास इच्छाशक्ति हैजब अपने मन का भेद ही विवादास्पद हो तो भरोसा कहाँ से हो.

हम रहे या नहीं रहेपर अहम् कभी नहीं रहना चाहिए.

जिसके अवगुण में भी गुण दिखेतो उससे बड़ा भला और कौन हो सकता है.

एकाकी जीवन के नाम पर विषय वस्तु से ऊपर भी तो ख़ुशी और प्रसन्नता हैएक बार समझ कर देखे.

मौजूदा समय में मौनव्रत जीवन के सच्चाई से परिचय करता हैसंघर्स के नाम पर हर समय विषय वस्तु में उलझे रहना कहाँ तक ठीक है.

जीवन है तो सच्चाई भी होनी चाहिएजीवन में मृतु से बड़ा सच कुछ और नहीं हो सकता हैकर्म से बड़ा फलसफा क्या हो सकता है.

जीवन और मृतु के बिच का फासला सिर्फ सांसे ही हैअच्छे और बुरे कर्म का फासला संतुलन ही हैयही सत्य है.

 

कथनी से करनी बहूत अच्छा माना जाता हैपर जीवन में कभी भी कुछ ऐसा नहीं करे की वो करनी खुद पर ही भरी न हो जायेफिर वो बोझ कभी हल्का नहीं होता है. self motivation quotes

दिल दरिया और मन समुद्र होना तो ठीक हैपर उसमे कभी प्रदुषण नहीं होने दे.

सुनो तो अपने दिल की और करो तो अपने मन कीपर मनमर्जी कभी को गलत बात सोचा नहीं करे.

चार दिशाचार पहरचौतरफा संसारचौथे पड़ाव में फसे मनुष्यये कैसी कुदरत का वरदान.

रिश्ते की दुहाई मत दो ए मालिकएक दिन सबको इस जमीन में मिल जाना हैतब न जाती बचे न धर्म सिर्फ बचेगा सत्कर्म.

समय जवाह है की जो जैसा किया हैपरिणाम वैसा ही मिला है.

संसार के आपाधापी में मनुष्य खुद को भूलने लग गया हैखुद के मन में झाकने के बदले दुसरे के मन में झाकने लग गया है.

जख्म को खुरेदकर नासूर बनाने से अच्छा है की उसे अपनी जगह पर रहने देकुछ दिन में वो अपने आप भार कर ख़त्म हो जायेगा.

जीवन की कर्म कमाई अपने बच्चे में झलकती हैजैसा खेल में बिज डालेंगे वैसा ही पैदावार होगा.

जीवन की संसार व्यवस्था सांसो से है अक्सर उझान और समस्या इसके रह रोक देते है.

सुभ मुहूर्त के पीछे भागने वाले कौन से मुहूर्त में आये है और कौन से मुहूर्त में चले जाते हैपता ही नहीं चलता है.

सच्ची चीज इसी संसार में है दिख रहा है पर समझ नहीं आ रहा है.

दिल बोला आँख से तुम देखना कम करोआँख बोला दिल से तुम तुम ज्यादा सोचा नहीं करो.

जीवन का रास्ता कई दिशा से निकालता हैसकारात्मक पहलू और सत्कर्म के उद्देश्य है तो हर कोई मददगार है.

 

जो व्यर्थ मन में पड़े हुए है जिनका कोई उपयोग नहीं हैउसको बहार निकलकर मन और आत्मा को तृप्त करे. self motivation quotes

सुबह सुबह ताजा स्वास के साथ नए विचार और नए धारणाये के साथ अच्छी सोच सदा उपलब्धि दिलाता है.

सच्चे मन की कल्पना अस्तित्व की पहचान करता है और यथार्थ से परिचय करता है.

दिलो में ज़ज्बात चाहे कुछ भी हो पर उसका प्रभाव मन पर नहीं पड़ना चाहिए.

कलपना में खुद को सँभालते हुए कल्पनातित कभी नहीं होना चाहिए.

कभी भी अपने सोच को अपने समझ तक ही रखना चाहिए.

विवादों में उलझने से अच्छा है की शांत रहकर समस्या को सुलझाये.

सोच समझ विवेक बुद्धि ये सब मन के गुण है जो दिमाग में सक्रीय रहते है.

जीवन में किसी से उपकार लेने की भावना से उठकर परोपकार की भावना रखना चाहिए.

मन की उड़ान असीमित हैस्वच्छता से सदाचारी बनाना चाहिए.

 

जीवन में जब तक मन में सहनशीलता नहींतब तक मन का विकार कभी दूर नहीं हो सकता है.

श्रधा शक्ति और विश्वास से आत्म बल बढ़ता हैये सकारात्मक गुण है.

जिज्ञासा वही तक सही है जहा तक मन समझ सकेजरूरत से जायदा समझ मन को उलझन में दाल देता है.

मन के भटकन को मन में ही रहने देबुद्धि विवेक से काम ले.

जीवन सुख का सागर हैदुःख को कभी भी जीवन पर हावी नहीं होने दे.

दूसरो के मन में झाकने से अच्छा हैखुद के मन में झाके.

कठिनाई को समझने से अच्छा खुद को समझने का प्रयाश करेकठिन से कठिन समस्य सुलझने लग जायेगा.

शांति का रास्ता तब पूर्ण होता है जब मन में किसी के प्रति कोई वैर न हो.

धतूरे और सोना को "कनक" की संज्ञा दी गई हैदोनों के मात्र मन में बढ़ने पर उथल पुथल महशुश होता है.

 

अन्धरुनी दुःख का कारनउन्मूलन स्वप्नलोक की छविया में है. self motivation quotes

जीवन है परमात्मा का वरदानइसमे है स्मृतयो की छाया.

अपनों के दुःख से दुखी होना स्वाभाविक हैपराये तो सिर्फ सांत्वना ही देते है.

सुख दुःख में अपने ही साथ देते हैपरये तो सिर्फ मददगार है.

अपने दिल के वेहद करीब होते हैपराये कभी अपने नहीं हो सकते है.

दुःख अपनों से ज्यादा और परायो से कम होता है.

समय और हालात से बदलावसफल जीवन की निशानी है.

मन सुख दुःख के लिए हो सकता हैपर ज्ञान बुद्धि विवेक के लिए होता है.

अज्ञानता अंधकार है तो ज्ञान प्रकाश है.

विधता का नियम है एक आता है तो एक जाता है.

 

कर्म इन्सान को सच्चे रास्ते पर लेकर जाता हैसत्कम जीवन की उन्नति है और दुष्कर्म अवनिती है.

कौन क्या कहता हैइसकी परवाह न करे तो बेहतर है.

दुनिया को समजना है तो खुद को पहले समझे.

खामोश क्यों है लोगो की बात सुनकरअपने समझ और विवेक से उसको जवाब जरूर देना चाहिए. self motivation quotes

निराशा में जीना छोड़ दीजिये. आशा का दमन पकड़ना सीखिए.

भलाई वही तक करिए जहा तक तक मन साथ देअन्यथा बेमन से किया गया कोई मदद फलित नहीं होता हैचाहे देने वालो को या लेने वाले को.

मन के हरकतों से संज्ञान होकर खुद से बेपरवाह होना छोड़ दीजिये.

अपने मन को मन ही में रहने दीजियेजो चल रहा है चलने दीजिये. जो जरूरी हो उसे ही सक्रीय होकर कर नियंत्रित करिए.

मन को बुद्धि वेवक से मत खेलिएहो सके तो समय को मन से देखिये और बुद्धि विवेक से काम लीजिये.

 

किसी को वेवजह मत उकसाइए की वो हरकत में आ जाये.

अपने जीवन को कभी भी कटी पतंग मत समझियेजीवन का डोर बेहत कच्चे धागे से बना हैउसको सँभालने के लिए ज्ञान को परिपक्व करिए.

मन का धरनाओ में उसे ही जगह दीजिये जिससे कोई काम बन सके.

मन की हरेक बात सुनिए पर क्रियान्वित करने के लिए दिमागबुद्धिविवेक का सहारा लीजिये.

बेवजह के झंझट में पड़ने से अच्छा है की सूझ बुझ से काम करिए.

मन को कभी नहीं रुलाइएमन परमेश्वर का वरदान है.

 

भावनाओ को मन के साथ खेलने का प्रयाश नहीं करेमन को आज तक किसी ने भी नहीं समझ पाया है. self motivation quotes

अपने निर्णय को समझदारी से परखियेबगैर सोचे समझे कोई निर्णय नहीं लीजिये.

भोजन उतना ही करिए जो शरीर को लगेअसंतुलित भोजन शरीर को श्मशान बना देता है.

कर्वी निम भले जवान को कड़वा लगता हैरोग और विषाणु को वही नस्त करता है.

स्वादिस्ट भोजन मन को अच्छा लगता हैपेट में जाकर रोग बढ़ाने का जरिया बनता है.

ज़माने के दस्तूर के आगे नतमस्तक इन्सान ही स्वयं को अधर में डालकर प्रखर होता है.

निज मन की व्यथा से परिचित व्यक्ति को की सहनशक्ति प्राप्त होती है.

छल कपट से ऊपर सोचने वाला व्यक्ति ही संसार में नया आयाम लाने की क्षमता रखता है.

मिथ्या को समझने वाला ही इन्सान सच्चा होता हैमिथ्या में पड़ने वाला ही दुसरे को भ्रमित करता है.

अलंकार से शोभा और मान बढ़ता हैजबकि कलंककार से प्रसिद्धि समाप्त होती है.

 

इज्जत और सम्मान में व्यय समय ही पुरखो के मान मर्यादा को बचाते है. self motivation quotes

संघर्स करना सीखे कल्पना में ख़ुशी को खोजने से अच्छा है, उसको प्राप्त करने का प्रयास करे.

सोच और फिक्र में जीवन को सताने से अच्छा है, वही करे जो संभव हो.

असंभव को प्रयास से संभव बनाना सीखे.

गमों से कभी भी समझौता नहीं करे, जिस बात का दुःख है उसके बदले कुछ अच्छा सोचे.

बुराई को कभी भी मन में बढ़ावा नहीं दे, बुराई से लड़ना सीखे. 

मन को पहाड़ न बनाये, अपने मन के आयाम को पर्वत बनाये.

जीवन में मन को एकाकार बनाये रखे,

जो करे वही सोचे न की जो नहीं कर सकते है उसके बारे में सोचे.

बेख़ौफ़ ज़माने में रहना सीखे, मन के डर पर विजय प्राप्त करने का प्रयास करे.

हसी के हंगामे में शिरकत करे पर किसी के हसी और मजाक का कारन नहीं बने.

जीने के लिए दुनिया में बहूत कुछ है, अच्छी चीज़े ग्रहण करे, बुरे चीज को मन से निकाल फेके.

 

जिनके दिल में ख़ुशी और प्रसन्नता होता है परमात्मा वही विराजवान होते है. self motivation quotes 

माँ से बड़ा रक्षक और पिता से बड़ा ज्ञानदाता और भला कौन हो सकता है?

क्या माता पिता के सम्मन एके बिना इस्वर भक्ति संभव है, तो वो किस काम का? self motivation quotes

जिसके रक्षक माता पिता के आशीर्वाद होते है, उसका भक्षण करने का सामर्थ्य किसी में नहीं होता है.

प्यार दुलार और ममता बचपन से बच्चे को मिले. 

तो बच्चो में परवरिश के साथ ज्ञान और क्षमता ज्यादा बढ़ता है.

 self motivation quotes 

प्रश्न के लिए मूल्य बिंदुओं और ज्ञान बिंदुओं में ज्ञान का कोई ओर अंत नहीं सिर्फ समझ का फेर जितना अछा होगा उतना ही अच्छा ज्ञान अपना बढेगा

  

किसी प्रश्न के लिए मुल्य बिंदुओं और ज्ञान बिंदुओं में क्या अंतर है?

 

मुल्य और ज्ञान का मन से गहरा सम्बन्ध है। मन में हर पल कुछ न कुछ चला ही रहता है। मन सदा चलायेमन होता है। बुध्दि विवेक के सक्रिय होने से मन के अन्दर चलने वाला हर हरकत सक्रीय नहीं होता है। बुध्दी विवेक से हमें परिणाम मिलता है की क्या उचित है और क्या उचित नहीं है। परिणाम के अनुसार सक्रिय मन निर्णय लेता है की क्या करना है और क्या नहीं करना है। तब सक्रीय मन जो जरूरी होता है वही कार्य में लग जाता है। बाहरी रूप रेखा में वो कार्य क्रियान्वित होते हुए नजर आता है। स्वाभाविक है यही कल्पना का साकार होना कहलाता है। मन के अन्दर अचेतन ९० प्रतिशत है और सचेतन १० प्रतिशत है। कल्पना अवचेतन मन में होता है। ज्ञान के दृष्टी से सचेतन और अचेतन से बहूत ऊपर अवचेतन मन होता है। ज्ञान बिंदु उजागर होता है। 

 

  ज्ञान बिंदु

ज्ञान के दृष्टी से किसी विषय वस्तु को देखना और समझना दोनों जरूरी है।

जब तक किसी विषय वस्तु देखेंगे नहीं तब तक उसका रूप रेखा नहीं मालूम पड़ेगा। विषय वस्तु को देखने से ज्ञान होता है। वही ज्ञान समझ को बढाता है। किसी विषय वस्तु को जितना समझने का प्रयास करेंगे। उतना ही अपना ज्ञान बढ़ता जाता है। वैसे तो ज्ञान का कोई ओर अंत नहीं है। सिर्फ समझ का फेर है। समझ जितना अछा होगा। उतना ही अच्छा ज्ञान अपना बढेगा।

 

प्रश्न के लिए मुल्य बिंदुओं और ज्ञान बिंदुओं में अंतर को समझे तो प्रश्न का मूल्य बिंदु प्रशन का प्रारूप होता है।

जो सामने चारितार्थ होता है। प्रश्न के प्रकृति को दर्शाता है। प्रश्न के प्रभाव से निकालने वाला परिणाम साफ साफ समझ में आता है। प्रश्न के ज्ञान बिंदु प्रश्न से निकलने वाले परिणाम से जो चरितार्थ होता है। परिणाम को समझते हुए जो प्रतिक्रिया उचित होता है। समझ कर उत्तर देना ही ज्ञान बिंदु होता है। यही किसी भी प्रश्न के लिए मूल्य बिंदुओं और ज्ञान बिंदुओं में अंतर है।    

प्रभावी खुफिया जानकारी एकत्र करने के लिए विचार नेतृत्व संगोष्ठी.

  

बुद्धि और बुद्धिमान

मनुष्य को बुद्धिमान होना ही चाहिए.

जीवन निर्माण में मनुष्य के जन्म के साथ दिमाग भी मिला हुआ है,जिसकी देन बुद्धि है.

सकारात्मक मन के भाव में अच्छा और तीक्ष्ण बुद्धि होता है.

मन में किसी भी प्रकार के कुंथित्पना बुद्धि में विकार ला सकता है.

जिससे मस्तिष्क ठीक से काम नहीं करता है.

जिसकी उपज विक्क्षिप्त बुद्धि होता है.

जिससे कोई भी कार्य सफल नहीं होता है.

किसी भी कार्य को सफल होने के लिए तीक्ष्ण बुद्धि सकारात्मक होना चाहिए.

 

हिंदी में प्रभावी खुफिया जानकारी एकत्र करने के लिए विचार नेतृत्व संगोष्ठी.

किसी एक विषय पर काम करने के लिए यदि पेचीदा विषय है.

बहूत सोच समझकर काम करना होता है.

जहा विषय एक है और उसे पूरा करने के लिए कई लोगो की जरूरत है तो वहा किसी न किसी ऐसे जानकार का नेतृत्व जरूरी हो जाता है.

साथ में जानकर होने के साथ विशेषग्य भी हो तो उनका नेतृत्व बहूत जरूरी होता है.

जरूरी खुफिया जानकारी एकत्र करने के लिए कार्य से सभी व्यक्ति विश्वासपात्र होना चाहिए.

तीक्ष्ण बुद्धि वाला होना चाहिए. सभी हाजिर जवाब व्यक्ति होना चाहिए. कार्य बिलकुल संतुलित और बताये हुए मार्गदर्शन से ही करना चाहिए.

कार्य के लिए मनोनीत सभी व्यक्ति के अन्दर समन्वय सामान होना चाहिए.

इसमे बेहद जरूरी है की कोई भी व्यक्ति किसी को छोटा या बड़ा नहीं समझे. अपने मार्गदर्शक के हरेक बात का अनुशरण करना चाहिए. एक दुसरे के संपर्क में हमेशा रहना चाहिए. स्वयं पर पूर्ण विस्वास होना चाहिए.       

 

प्रथम बुद्धि परीक्षण के विकासकर्ता के रूप में किसे श्रेय दिया गया है?

1916 में अमेरिका के मनोवैज्ञानिक टर्मेन ने बिने के बुद्धि परीक्षण को अपने देश की परिस्थितियों के अनुकूल बनाकर इसका उचित प्रकाशन किया. यह परीक्षण स्टेनफोर्ड बिने परीक्षण कहलाता है. जिस परीक्षण का संशोधन स्टेनफोर्ड विश्वविद्यालय के प्रोफेसर टर्मेन ने किया था. इस आधार पर इस परीक्षण को स्टेनफोर्ड बिने परीक्षण कहा गया है. प्रथम बुद्धि परीक्षण के विकाशकर्ता के रूप में अमेरिका के प्रोफेसर टर्मेन को श्रेय दिया गया है.

 

शिक्षा में बुद्धि परीक्षण के लाभ

शिक्षा मन से कापी और किताब से पढने और लिखने से होता है. जब तक पढाई के समय समय पर परीक्षा नहीं होगा, तब तक न बच्चे में जिम्मेवारी आएगी और न उनका तीक्ष्ण बुद्धि बढेगा. निम्न कक्षा से उच्च कक्षा में पदोन्नति परीक्षा माध्यम होता है. परीक्षा में प्राप्त अंक सामान्य अंक से कम होने पर पदोन्नति नहीं होता है. और एक साल फिर उसी कक्षा में बैठना पड़ता है. परीक्षा बच्चे का बुद्धि विवेक का एक परिक्षण है. जिसके प्रभाव से बच्चे में बुद्धि विवेक और जिम्मेवारी बढ़ता है. परीक्षा न केवल बुद्धि का विकाश करता है बल्कि बच्चे को स्वयं पर नियंत्रण करने का तरीका और ज्ञान भी सिखाता है.

 

  तीक्ष्ण बुद्धि 

प्रतियोगी परीक्षाएं अपने ज्ञान की परीक्षा लेती हैं बात सच है ज्ञान हासिल हम स्कूल और कॉलेज से करते है जो दुसरे ज्ञान को हासिल करने के लिए मदद करता है

  

क्या प्रतियोगी परीक्षाएं आपके ज्ञान की परीक्षा लेती हैं?

प्रतियोगी परीक्षाएं अपने ज्ञान की परीक्षा लेती हैं। ये बात सच है। ज्ञान हासिल हम स्कूल और कॉलेज से करते है। स्कूल और कॉलेज के ज्ञान हमें दुसरे ज्ञान को हासिल करने के लिए मदद करता है। स्कूल और कॉलेज से ज्ञान हासिल करके हम दुसरे ज्ञान किस माध्यम से प्राप्त करते है। इस बात पर आधारित होता है। हम ज्ञान के प्रति कितने जागरूक है।

कोई भी ज्ञान दुसरे ज्ञान को हासिल करने का माध्यम बनता है। जैसे रोज अख़बार पढना, पत्रिका पढना, किताब पढना, समाज में हो रहे क्रिया कलाप से क्या ज्ञान हासिल करते है। टीवी देखने से हम किस बात को ग्रहण करते है। टीवी सबसे बड़ा ज्ञान का माध्यम हो सकता है। उसमे सबकुछ सम्मिलित होता है। अब ये स्वयं को समझना होता है। हमारा मन टीवी से क्या सिख रहा है। ज्ञान इस बात पर आधारित होता है। टीवी में देश दुनिया के सब खबर समाचार के माध्यम से मिलते है। कार्यक्रम के माध्यम से बहूत ज्ञान मिलते है।

  प्रतियोगी परीक्षाएं 

टीबी के नाटक ज्ञान का माध्यम है की नहीं ये स्वयं समझ सकते है। टीवी नाटक बहुमुखी प्रतिभा का झलक है।

जीवन का सबसे बड़ा ज्ञान टीवी नाटक में भी है। प्रेरणात्मक ज्ञान टीवी नाटक में बहूत है। बात ये है की हम ज्ञान कहा कहा से हासिल करते है। यदि प्रतियोगी परीक्षाएं के पत्र या कुंजी में देखेंगे तो पता चलेगा की ये सब के सब सामान्य ज्ञान पर आधारित है। जो दैनिक जीवन में समाज में या देश में होता है। देश दुनिया के भूत और वर्त्तमान के ज्ञान पर प्रतियोगी परीक्षाएं के प्रश्न पत्र होते है।

इसलिए देश दुनिया के भूत और वर्त्तमान के खबरों से हम क्या क्या ज्ञान हासिल करते है? साथ में गणित हमारा कितना मजबूत है? जो हम स्कूल कॉलेज में सीखते है। हम अपने ज्ञान से गणित को कैसे समझते है। कितने कम समय में उत्तर देते है। सामान्य ज्ञान के प्रश्न के उत्तर को हम कितने समय में उत्तर देते है। ये सब हमारे अपने ज्ञान पर आधारित होता है। इसलिए प्रतियोगी परीक्षाएं अपने ज्ञान की भी परीक्षा लेता हैं।    

पैकिंग मटेरियल में सबसे ज्यादा कार्ड बोर्ड का इस्तेमाल होता है रद्दी पेपर को मशीन में रीसायकल करने के बाद ब्राउन पेपर का निर्माण किया जाता है

  

पैकिंग मटेरियलपैकिंग मटेरियलपैकिंग मटेरियल कार्टून बॉक्स

 

पैकिंग मटेरियल में सबसे ज्यादा कार्ड बोर्ड का इस्तेमाल होता है.

रद्दी पेपर को मशीन में रीसायकल करने के बाद ब्राउन पेपर का निर्माण किया जाता है.

जिससे कार्टून बनाया जाता है. कार्टून के लिए पेपर के कई तह को गोंड से चिपकाया जाता है.

जिसके दो प्लेन पेपर के बिच में धारीदार कोरोगेटेड पेपर लगाये जाते है.

कार्टून को रखने वाले वस्तु के आकर और वजन के अनुसार उसकी मोटाई तय की जाती है.

नरम या कड़क कार्टून के अनुसार उसमे गोंड की मात्र भी तय की जाती है.

जितना ज्यादा गोंड का मात्र होता है कार्टून उतना ही शक्त और मजबूत होता है.

 

कार्टून बनाने के लिए बड़े बड़े मशीन का उपयोग किया जाता है.

३ तह, ५ तह, ७ तह और जरूरत पड़ने पर इससे भी ज्यादा तह कार्टून बनाने में लगाया जाता है.

सभी तह के बिच में गोंड का इस्तेमाल किया जाता है.

सरे काम मशीन से किया जाता है. बने हुए पेपर के तह को प्रेस मशीन में चलाकर उसको ठीक से प्रेस किया जाता है.

इस दौरान उसमे गर्मी भी प्रबाहित ही जाती ही जिससे पेपर तुरंत चिपक कर और शक्त होकर मशीन से बहार निकले.   

 

कार्टून के कोरोगेटेड पेपर बनाने के लिए कोरोगेशन मशीन में दो रोल होते है.

पैकिंग मटेरियल कार्टून के कोरोगेशनमशीन के दोनों रोल में गियर के जैसा दांत बना होता है.

जो लम्बे लम्बे धारी के सामान होता है.

दोनों रोल के गियर के बिच से पेपर को इसमे से गुजरने के साथ इसमे थोडा गरमी उत्पन्न होने के लिए विद्युत् पवार से गरम करना पड़ता है.

जिससे दुसरे तरफ पेपर कोरोगेतेट हो कर बाहर निकले.

मशीन में ही कोरोगेतेट हुए पेपर को रोल किया जाता है.

जिससे कार्टून के लिए कोरोगेशनमें कोई प्रभाव नहीं पड़े और पेपर में उत्पन्न हुए गर्मी कुछ और समय तक बरक़रार रहे.

जिससे पेपर का कोरोगेशनकायदे से हो जाये और लम्बे समय तक कोरोगेशनबना रहे.

 

पैकिंग मटेरियल साइज़ के अनुसार कार्टून के कटिंग मशीन में कार्टून के बॉक्स को आकर देना

कार्टून कटिंग मशीन में कार्टून के बॉक्स को आकर के अनुसार कटिंग का काम होता है.

जरूरत पड़ने पर लेबल, नाम और सामान के विशेषता की प्रिंटिंग भी की जाती है.

जो कई रंग, रूप और चित्र के साथ भी हो सकता है.

वो भी मशीन से ही किया जाता है.

आकर के अनुसार कार्टून बोर्ड को मशीन कटिंग करता है.

मोरने वाले भाग को मोरने के लिए फिर प्रेस मशीन में भेजा जाता है.

मोरने वाले भाग के धारी बनया जाता है.

जिससे सभी कार्टून एक जैसा बनकर तयार हो जाता है.

 

कटिंग से बचे हुए बेकार टुकरे को फिर से रीसायकल किया जाता है.

बचे हुए बेकार टुकरे को फिर से रीसायकल कर के कार्ड बोर्ड बनाया जाता है. कोई भी पेपर का बेकार टुकरा फेका नहीं जाता है. बचे हुए पेपर के बेकार टुकरे को रीसायकल किया जाता है जिससे नया पेपर बन कर निकालता है जिसका नये कार्टून बनाने के लिए उपयोग किया जाता है. 

 

फोल्डिंग करने वाले मशीन में कार्टून बनाना

कार्टूनको अंत में बॉक्स का रूप देने के लिए फोल्डिंग मशीन में भेजा जाता है. जिससे बॉक्स आकर के अनुसार मुड़ कर बॉक्स बन जाता है. जरूरत के अनुसार बॉक्स बनाने में चपटी पिन वाला मशीनी स्टेपलर का उपयोग किया जाता है या ब्राउन टेप या सादे टेप से भी मशीन बॉक्स के निचले भाग को चिपका कर बॉक्स बनाकर बहार निकलता है.

 

कंप्यूटकृत मशीनी युग के चमत्कार से पैकिंग मटेरियल कार्टून बॉक्स बनाना हुआ आसान

सभी मशीनी काम स्वचालित और कंप्यूटकृत होते है. जिसे कंप्यूटर के सॉफ्टवेयर से किया जाता है. जैसा कार्य करना वैसा प्रोगामिंग किया जाता है.

  पैकिंग मटेरियल 

पेन से लिखने के समय लगातार घूमता रहता है पीछे से इंक उसमे लगकर लिखने वाले जगह पर निशान बनता जाता है. जिसे बाल पेन का लिखावट कहते है

  

बॉल पेन

सदियों से चली आ रही परंपरा आज भी कायम है.

पहले नरकट के कलम या साही के काटे, कबूतर, मोर के पंख इत्यादि उपयोग में लिए जाते थे.

जिसे स्याही के में डुबोकर लिखा जाता था.

परंपरा बदला उसके स्थान पर जीभ वाले कलम आ गए.

जिसके पीछे एक लम्बी डब्बी लगी रहती थी. आज के समय में जज इस पेन का उपयोग करते है.

समय बदला कलम के स्थान पर बॉल पेन ने अपना जगह बना लिए.

नित्य नए खोज से पहले के मुकाबले बाल पेन पहले से बहूत पतला लिखने में सफल हो गया है.

आमतौर पर प्लास्टिक के बने छरिनुमा पेन आता है.

जिसमे रिफिल भरा जाता है.

उससे भी अविष्कारक आगे बढ़ कर अब लिखो फेको पेन बना दिया है.

जो पतले होने साथ साथ बहुत सस्ता भी होता है.

इसमे न रिफिल की जरूरत न कोई ढक्कन के सिबाय तीसरा कोई वस्तु.

यदि पास में पेन नहीं तो अब ये किसी भी दुकान पर आराम से मिल जाता है.

भले किराणे की दुकान हो या छोटा मोटा कोई भी कटलेरी की दुकान सब जगह उपलब्ध है.

 

समय के अनुसार परंपरा बदला पर लिखाई के लिए अब भी पेन ही है पहले वो कोई अब पंख या नरकट का न हो कर लिखो फेको हो गया है. 

बात पेन के लीड की बनावट कहे तो वो मेटल का होकर स्टील पलिस किये होते है.

इसके शिर्ष पर एक बेहद छोटा छर्रा होता है.

जो पेन से लिखने के समय लगातार घूमता रहता है.

पीछे से इंक उसमे लगकर लिखने वाले जगह पर निशान बनता जाता है.

जिसे बॉल पेन का लिखावट कहते है.  

  बाल पेन 

पहनावे और वेशभूषा से व्यक्तित्व में निखार पहचान अच्छा बनता है। लोग जुड़ते भी है नामची लोग तो दिखावे पर बहुत पैसा भी खर्च करते है

  

मनुष्य खूबसूरती के पीछे बहुत भागता है

सोच समझकर देखा जाये।  आज के समय में मनुष्य खूबसूरती के पीछे बहुत भागता है। 

पहनावा अच्छा होना चाहिए।  वेशभूषा बेहतरीन होना चाहिए। 

ऊपर से नीचे तक उच्च कोटि का दिखावा होना चाहिए। 

महिलाओं में तो पहनावे की खूबसूरती के बहुत ज्यादा चलन है और होना भी चाहिए।

खूबसूरती से व्यक्तित्व में निखार आता है। 

आज के समय में समाज जीवन में खूबसूरती का बहुत ज्यादा चलन भी है। 

पहनावे से लोग अपना दिखावा करते है।

अपनी काबिलियत कितनी अहेमियत रखता है। 

पहनावे और वेशभूषा से व्यक्तित्व में निखार आता है। 

लोगो में पहचान अच्छा बनता है।  लोग जुड़ते भी लगते है। 

नामची लोग तो दिखावे पर बहुत पैसा भी खर्च करते है। 

पहनावे और खूबसूरती से लोगों का काम धंधा पनपता है

पहनावे और खूबसूरती के दौर मेंसोचे उन लोगों का काम धंधा पनपता है। जो पहनावे और खूबसूरती के व्यापार में शामिल होते है।  उनके घर परिवार भी कही न कही उनके पहनावे और दिखावे पर ही चलते है।  इसके लिए सहर में बड़े से बड़े दुकान खुलते है।  दुकान के सजावटी में लाखो खर्च होते है।  इससे उन कामगार और कारीगर का घर परिवार चलता है।  जो ऐसे सजावटी के काम धंदे में जीवन यापन करते है।  कई बार तो ये सोचता हूँ कि काश ये सब न होता तो और कितने लोगो को दिक्कत होती।  समय के हिसाब से बेरोजगरी ऐसे भी है।  इस माध्यम से लोगो का गुजर बसर तो हो रहा है।  कही न कही देखा जाय तो सब एक दूसरे से जुड़े हुए है। एक दूसरे के रोजी रोजगार के माध्यम ही तो है।

संसार में खुश रहने का हक़ सबको है 

मन कभी कभी सोचता है। लोग ये सब बाते क्यों नहीं समझते?  लोग क्यों नहीं एक दूसरे से जुड़ करसद्भाव से रहते है?  इससे तो सबका विकाश ही होगा।  नया निर्माण होगा। नए उद्योग धंधे पनपेंगे।  लोगो का रोजी रोजगार का माध्यम भी तो खुलेगा।  जो लोग बेरोजगार है।  उनको कोई काम धंधा भी तो मिल जायेगा।  उनको भी तो संसार में खुश रहने का हक़ है।  संसार उनके लिए भी तो है। 

लोगो को रोजी रोजगार में जरूर साथ दिए

दिमागी बात यही कहना चाहूंगा।  जैसे हम बाहरी दिखावे के माध्यम से अपने आप को अच्छा बताने के होर में लोगो को रोजी रोजगार में जरूर साथ दिए है।  इसके लिए तहेदिल से धन्यवाद है।  उन सभी को जो कही न कही रोजगार के माध्यम में साथ दे रहे है। उन सभी को धन्यवाद है

मनुष्य का मन साफ सुथरा सब को अच्छा ही लगेगा

दिमागी सोच की बात यही कहूंगा। जिस तरीके से हमसब साज सज्जा करते है।  बाहरी दिखावा करते है।  खुद को अच्छा दिखने के लिए।  वैसे ही मन में पड़े जो कुछ भी गंदगी है। जो हम किसी को बता नहीं सकते है। हम स्वीकार करते है।  हमारे अंदर भी कुछ न कुछ जरूर है।  जिसको एक एक करके बहार निकल दिया जाये। त हम सब एक दूसरे से जुड़ते जायेंगे।  क्यों न इस तरफ भी थोड़ा प्रयास किया जाए।  ये बात सबके लिए कह रहा हूँ।  सिर्फ प्रयास कर रहा हूँ।  सफलता में तो आपको साथ देना है।  फिर न कोई दिक्कत, न पड़ेशानी, न बेरोजगारी होगा। फिर तो सब खुश ही रहने लगेंगे। क्योकि गन्दगी तब किसी के अंदर नहीं रहेगा।  सब का मन साफ सुथरा हो जायेगा।  फिर तो सब को अच्छा ही लगेगा न। 

  पहनावे और वेशभूषा 

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