Showing posts with label संकायों की भूमिका. Show all posts
Showing posts with label संकायों की भूमिका. Show all posts

Wednesday, August 25, 2021

ज्ञान (Knowledge) शिपिंग में संकायों की भूमिका छात्र ज्ञान शिपिंग में संकायों की भूमिका काम फुल टाइम वर्क या पार्ट टाइम वर्क में उपलब्ध है

ज्ञान (Knowledge) शिपिंग में संकायों की भूमिका

 

छात्र ज्ञान (Knowledge) शिपिंग में संकायों की भूमिका

ज्ञान किसी भी क्षेत्र में बहूत आवश्यक है। शिपिंग कई तरीके से  होते है। शिपिंग में संकायों की भूमिका में छात्र के ज्ञान के लिए बहूत अच्छा मौका है। जो छात्र पढाई लिखाई के साथ शिपिंग का भी कार्य सिखने के लिए कर सकते है।

 

कूरियर शिपिंग (Courier shipping)

कूरियर शिपिंग के तहत पत्र और सामान को घर घर पहुचना ये काम फुल टाइम वर्क या पार्ट टाइम वर्क में उपलब्ध है। फुल टाइम वर्क में आये हुए ग्राहक के पास से पत्र या सामान का बुकिंग लेना, सामान का वजन करना, सामान या पत्र जल्दी भेजना है या सामान्य गति से भेजना है। ग्राहक से पूछना,  सामान के पैकिंग बनान, लेबल टैग लगाना, ग्राहक को बुकिंग का रसीद बनाकर देना। कौन कौन से सामान कौन कौन से एरिया से है उसको अलग अलग सजाकर रखना। ऑफिस में आने वाले सामान को कायदे से रखना। फाइल और कंप्यूटर में सब सामान का एंट्री करना। ग्राहक को फ़ोन कर के बात चित करके जानकारी मुहैया करना। वापस आये हुए सामान को अलग कर के रखना और दुसरे दिन फिर वितरण के लिए भेजना। ग्राहक का पता न मिल पाने पर ग्राहक से फ़ोन पर बात करना। जो सामान का वितरण नहीं होने पर उसको भेजने वाले ग्राहक को वापस भेजना। इस प्रकार के कार्य का छात्र ज्ञान शिपिंग में संकायों की भूमिका होता है। जो छात्र कूरियर शिपिंग में कम करना चाहते है। बाकि अधिक जानकारी के लिए किसी भी कूरियर कंपनी में विचार विमर्श कर सकते है।

 

यातायात शिपिंग (Transport shipping)

यातायात शिपिंग मुख्या तौर पर परिवहन वाहक के जरिये होता है। यातायात शिपिंग में बड़े बड़े वाहन के जरिये सामान एक जगह से दुसे जगह जाते है। सामान एक जिले से दुसरे जिले और अपने राज्य के बाहर वाले जिले स्थान पर जो शिपिंग होता है। उसे यातायात शिपिंग कहते है। यातायात शिपिंग में छात्र ज्ञान शिपिंग में संकायों की भूमिका में कार्यालय में आये हुए ग्राहक से यातायात शिपिंग का बुकिंग लेना। सामान का वजन करवाना। बुकिंग का बिल्टी बनाना। बिल्टी पर सामान का बजन, सामान का मूल्य, सामान का बिल, सामान कहा जाना है। सब विवरण लिखना। वाहन के हिसाब से सामान का चयन करना। सामान के हिसाब से बिल्टी और बिल को एक साथ जोड़कर सजाना। वाहन में सामान को लोड करवाना। सामान के सब कागज पत्री वाहक को देना। यातायात से आये हुए सामान और जाने वाले सामान को अलग अलग रखवाना। ग्राहक को बिल्टी और बिल के हिसाब से पैसा लेना। सामान ग्राहक को वितरण करना। छात्र ज्ञान शिपिंग में संकायों की भूमिका तरह से हो सकता है।

 

अंतररास्ट्रीय शिपिंग (International shipping)

छात्र ज्ञान शिपिंग में संकायों की भूमिका में अंतर रास्ट्रीय शिपिंग में आयत निर्यात दोनो ही कम बहूत महत्वपूर्ण है। निर्यात में सबसे पहके शिपर से ३ पृष्ठ इनवॉइस और पैकिंग लिस्ट लेते है। उसके बाद पोर्ट से एडवांस कार्गो डिक्लेरेशन किया जाता है। कस्टम में रजिस्ट्रेशन करने के लिए चेक लिस्ट तयार किया जाता है। कस्टम से शिपिंग के कस्टम क्लीयरिंग के लिए तारीख लिया जाता है। शिपर को सूचित किया जाता है। कंटेनर बुक किया जाता है। फुल कंटेनर लोडिंग के आधार पर कंटेनर शिपर के जगह पर भेजा जाता है। जब फैक्ट्री स्टफिंग का आदेश शिपर के पास हो तभी कंटेनर शिपर के यहाँ भेजा जाता है। नहीं तो फैक्ट्री स्टफिंग का आदेश शिपर के पास नही होने पर सामान कस्टम क्लीयरिंग पोर्ट पर ही सामान शिपर से मंगवाकर कंटेनर में कस्टम अधिकारी के सामने भरा जाता है। या लुज कंटेनर लोडिंग के आधार पर जब सामान पुरे एक कंटेनर से कम हो तो दुसरे शिपर के सामान के साथ किसी शिपिंग कंटेनर में जगह बुक कर के भेजा जाता है। जिसमे कई शिपर के सामान होते है। शिपर का मतलब निर्यातक होता है। जो सामान भेजने का कम करता है, उसको शिपिंग एजेंट कहा जाता है। लकड़ी के पैकिंग होने पर फ्युमिगेसन सर्टिफिकेट लगाना पड़ता है। सामान के हिसाब से कौन सा सामान किस विभाग से है उसके भी सर्टिफिकेट लेने पड़ते है तभी खरीदार सामान को अपने देश में छुड़ा पता है। कस्टम अधिकारी से सब परिक्षण करेने के बाद दस्तावेज पर हस्ताक्षर और मोहर करवाकर कस्टम अधिकारी के सामने कंटेनर सील करके शिपिंग पोर्ट पर कंटेनर भेजा जाता है। शिपिंग लाइन से सेलिंग होने के बाद सेलिंग डेट डाल कर बिल ऑफ़ लीडिंग के ३ पृष्ठ तयार किया जाता है। जिस शिपिंग लाइन का कंटेनर होता है। उस शिपिंग लाइन से हाउस बिल ऑफ़ लीडिंग और ३ पृष्ठ मास्टर बिल ऑफ़ लीडिंग इनवॉइस, पैकिंग लिस्ट और कस्टम क्लीयरेंस कॉपी के आधार पर शिपिंग लाइन से तयार करबाया जाता है। हाउस बिल ऑफ़ लीडिंग शिपिंग लाइन को जाता है। इनवॉइस, पैकिंग लिस्ट, कस्टम क्लीयरेंस कॉपी, ३ पृष्ठ बिल ऑफ़ लीडिंग के साथ अन्य जरूरी दस्तावेज को शिपर को भेज दिया जाता है। शिपर को सूचित किया जाता है की १ पृष्ठ मास्टर बिल ऑफ़ लीडिंग, इनवॉइस, पैकिंग लिस्ट खरीदार को भेज दे, शिपर के आग्रह पर शिपिंग एजेंट मास्टर बिल ऑफ़ लीडिंग को अपने देश में सरंडर भी कर सकता है। तब कोई भी दस्तावेज खरीदार को भेजना नहीं पड़ता है, सिर्फ इनवॉइस, पैकिंग लिस्ट, और मास्टर बिल ऑफ़ लीडिंग की डिजिटल कॉपी ईमेल से खरीदार को भेजना पड़ता है। इससे वो सामान अपने देश में छुड़ा सकता है। मास्टर बिल ऑफ़ लीडिंग और इनवॉइस पैकिंग लिस्ट की ३ पृष्ठ इसलिए बनता है। पहला मास्टर बिल ऑफ़ लीडिंग, इनवॉइस और पैकिंग लिस्ट खरीदार के के पास जाता है। दूसरा मास्टर बिल ऑफ़ लीडिंग, इनवॉइस और पैकिंग लिस्ट शिपर  को अपने बैंक भेजना पड़ता है। जो एडवांस पेमेंट शिपर  खरीदार से अपने बैंक में लेता है। उस पैसे का बैंक एक सर्टिफिकेट बनाकर शिपर को देता है। जिसे फॉरेन इनवर्ड रेमिटेंस सर्टिफिकेट कहते है। शिपर सब दस्तावेज फॉरेन इनवर्ड रेमिटेंस सर्टिफिकेट, इनवॉइस, पैकिंग लिस्ट, कस्टम क्लीयरेंस कॉपी, दूसरा मास्टर बिल ऑफ़ लीडिंग बैंक को जमा कर देता है। तीसरा पृष्ठ शिपर के पास रहता है उसके खाता के जानकारी के लिए। तब बैंक शिपर को बिल रेगुलाईजेसन सर्टिफिकेट देता है तब निर्यात पूरा होता है।     

Post

Two types of meditation for both types of meditation to happen automatically a little effort has to be made in the beginning, later meditation happens automatically

Meditation of the divine Meditation is done in many ways  Meditation is tried in the beginning, later meditation happens automatically. Me...