लडकियों के लिए शिक्षा अत्यंत आवश्यक
 
माता पिता के लाडली बेटी जो आज के समय में पुरुषो साथ कदम से
कदम मिलाकर हर क्षेत्र में उन्नति कर रही है. 
कोई ऐसा क्षेत्र बाकि नहीं है जहा
स्त्रीयां पुरुषो से कम हो. कई क्षेत्र में तो स्त्रियां पुरुषो से आगे भी है खास
कर स्कूल में पढ़ाने वाले टीचर बहुताया में स्त्रियां आगे चल रही है. भले प्राइवेट
स्कूल हो या बच्चो के कोचिंग क्लासेज सब जगह अब स्त्रीयां विराजमान है. 
 
आधुनिक समय में पुरुस के साथ स्त्री को भी बाहरी जानकारी होना
अत्यंत आवशयक है. 
जिससे वो स्वयं की रक्षा कर सके और घर बैठे गृहिणी को भी चाहिए जी
अपने जीवन में बाहरी संसार का पूरा ज्ञान हो. सरकार ने हर क्षेत्र में स्त्री को
प्रोत्साहन के लिए मार्ग खोल रखे है. जिससे की स्त्री को हर प्रकार के जानकारी और
स्वतंत्रता मिल सके. 
 
आज के समय में स्त्री को भी स्वाभिमानी होना अत्यंत आवशयक है. 
रूढी
परंपरा ने जैसे महिलाओ को घर में बंद कर रखा है. मनो जैसे महिलाये का काम सिर्फ घर
में खाना बनाना और परिवार बढ़ाने की ही जिम्मेवारी हो. अब महिलाओ को खुद के पैर पर
खड़ा होना होगा. रूढीवादी परंपरा के बंधन को तोड़ना होगा. तब जाकर दुनिया का बाहरी ज्ञान
मिलेगा. 
 
शहर हो या गाँव में अभी भी बहूत ऐसे परिवार है तो प्राचीन
परम्परा को संजोकर महिलाये को ऊपर उठाने नहीं देते है. बहूत ऐसे भी परिवार है जो
महिलाये को घर के बहार तक नहीं निकालने देते है. यहाँ तक की सैकरो ऐसे परिवार है
जो खास कर ग्रामीण इलाके में बचपन में अपने बेटी को स्कूल तक नहीं भेजते है. 
 
समय का दौर परिवर्तित हो रहा है. 
आज वैज्ञानिक युग चल रहा है.
कुछ कर दिखाने का समय है. हर किसी के अन्दर कोई न कोई खासियत होता है. अपने खासियत
को परिपक्व करने के इए संसार को अपने आँख से देखना बहूत जरूरी है. अपने प्रतिभा को
उभारना बहूत जरूरी है. देश तरक्की की राह पर चल रहा है. संसार को ज्ञानवान व्यक्ति
की तलाश है, जिससे आगे का समय अच्छा व्यतीत हो. 
 
बेटियों के शिक्षा बचपन से ही जरूरी है. कई बरसो से देखा जा
रहा है.
मध्यमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षा में बेटी अव्वल आ रही है. खुद के अच्छा
नाम के साथ अपने माता को भी सम्मान के पात्र बना रही है. शिक्षा के उच्चतम स्तर को
प्राप्त कर रही है.