Showing posts with label मन के नकारात्मक विचार. Show all posts
Showing posts with label मन के नकारात्मक विचार. Show all posts

Friday, January 7, 2022

मन को कैसे समझने की कोर्शिस करे की मन में उठाते विचार को एक पुस्तक में लिखते जाये. जब भी मन में कोई नारात्मक विचार आ रहा है.

मन को कैसे समझे?

मन को समझने के लिए सबसे पहले मन में उठाते विचार को परखे. 

मन के विचार किस तरफ जा रहा है? उसका मुआयना करे. मन क्यों बारम्बार एक ही चीज को सोच रहा है? उससे क्या ज़ुरा हुआ है? उसको समझने का प्रयास करे. मन के एक एक बात को फिर समझने का प्रयास करे मन किस किस बात पर ज्यादा विचार कर रहा है. हर तारीखे से समझने का प्रयास करे उसमे से क्या उचित है? क्या अनुचित है? उसको भी समझने का प्रयास करे. कोर्शिस करे की मन में उठाते विचार को एक पुस्तक में लिखते जाये. जब भी मन में कोई नारात्मक विचार आ रहा है. जिससे दुःख या तकलीफ हो रहा है तो मन के विचार को परिवर्तित करने के लिए कुछ नया सोचे जिससे नकारात्मक विचार का प्रवाह कम हो और सकारात्मक दृष्टी पर जोर देने से नकारात्मक प्रवाह कम होने लग जाता है.

 

बारम्बार उठाते मन के नकारात्मक विचार से छुटकारा पाने के लिए. 

कोई अच्छी ज्ञानवर्धक पुस्तक पढ़े जिससे मन में उठाने वाला नकारात्मक ख्याल कम हो और ध्यान ज्ञानवर्धक पुस्तक पर लगने से सकरात्मक दृस्तिकोन बढ़ने लग जाता है. सदा अच्छा सोचे अच्छा करे. मन में अच्छे विचार के लिए जगह बनाये जिससे खली पड़ा हुआ मन का घनघोर अँधेरा कम होने लग जाता है. मन में जो भी अच्छा सोचे उसको पुरे करने के का प्रयास भी करे जिससे सक्रिय भी बढ़ने लगे. मन के सकारात्मक दृस्तिकोन से बढे सक्रियता का इस्तेमाल विषय वस्तु में करे जिसका निर्माण कर रहे है. जो भी मन में अच्छा सोच रहे है उसको पूरा करने का प्रयास करे इससे नकारात्मक प्रभाव कम होने लग जाता है और सकारात्मक प्रवाह बढ़ने लग जाता है.

 

मन में सोचने और समझने के बाद जब उस क्रिया को पूरा करने का प्रयास करे.

समझने के बाद जब उस क्रिया को पूरा करने लग जाते है तो मन उस विषय वस्तु में लगने लग जाता है. मन को सदा प्रसन्न रखने का प्रयास करे इससे भी सकारात्मक प्रभाव बढ़ता है. लोगो के साथ जुड़े उनसे अच्छा बात विचार करने से ज्ञान का आयाम बढ़ता है. सकारात्मकता को बढ़ने के लिए ये बहूत जरूरी है. मन के अन्दर कुछ चल रहा है जिससे छुटकारा पाना चाह रहे है तो उस बात को किसी को बता देने से उसका प्रभाव कम होने लग जाता है. मन के अन्दर कुछ भी नहीं रखे जो दुःख या तकलीफ दे रहा है. लोगो के बिच अपने बात विचार के माध्यम से मन में बैठे ख्याल जिससे छुटकारा पाना चाह रहे है लोगो को बताने से वो कम होने लग जाता है.

Post

Perceptual intelligence meaning concept is an emotion of the mind

   Perceptual intelligence meaning moral of the story is the victory of wisdom over might Perceptual intelligence meaning moral character ma...