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Sunday, January 16, 2022

वास्तविक जीवन के ज्ञान में सभी के साथ और सभी के विकाश से ही जीवन में ख़ुशी और आनंद मिलता है

जीवन से समझौता

 

वास्तविक जीवन के आयाम में समझौता.

मानव जीवन में कई प्रकार के ख्वाइश होते है पर वो अपने जिम्मेवारी के तहत सभी इच्छा को पूरा नहीं करता है. मानव जीवन का उद्देश्य कभी भी अपने स्वार्थ को पूरा करने के लिए नहीं है. यदि ऐसा वो करते है तो सबसे बड़ी विडम्बना है की उनके स्वार्थ कभी भी पुरे नहीं होंगे. खुद के लिए सोचना ठीक है पर स्वार्थवश कुछ सोचना बिलकुल भी उचित नहीं है. जब मानव के इच्छा पुरे नहीं होते है तो वो घृणा और दुःख के सागर में डूबने लग लग जाता है जिससे जो जिम्मेवारी उसके ऊपर होते है उसको भी नहीं पूरा कर पाता है और असफलता ही अंत में हाथ लगता है.

 

जीवन की वास्तविक ख़ुशी तो जो जिम्मेवारी अपने ऊपर है उसको निभाने से मिलता है.

जिम्मेवारी से जो प्राप्त होता है वही सच्चा ख़ुशी है इस ख़ुशी में आनंद और हर्ष भी महशुश होता है. जीवन के कला में ख़ुशी के पल को धून्दाने वाले अपने कर्तव्य में ख़ुशी को खोजते ही तो उनको सालता के साथ साथ मान, सम्मान, इज्जत, प्रतिस्था सबसे बड़ी बात आदर सब जगह से मिलता है. इतना पाने मात्र से ही जिम्मेदार इन्सान ख़ुशी से उत्साहित हो कर अच्छा करने का प्रयाश करता है दुनिया में वो अपना पहचान बनता है. जीवन में कुछ प्राप्त करना ही है तो दूसरो के लिए कुछ न कुछ अच्छा करने के बारे में सोचने से सफलता जल्दी मिलता है.

 

जीवन के आयाम को ठीक से समझे तो यदि हम है और दुनिया में कोई नहीं है तो क्या होगा?

 

सब व्यर्थ ही होगा, कोई उद्देश्य ही नहीं होगा, न मन होगा, न सुख होगा, न दुःख होगा, न बोलने वाला कोई होगा, न जानने वाला कोई होगा, तब न कोई कुछ खरीदने वाला होगा, तब न कोई कुछ बेचनेवाला होगा. तव कैसा जीवन होगा? सोच सकते है. ऐसे माहोल में एक पल भी नहीं टिक पाएंगे और खुद का अकेलापन ही खुद को खाने लग जायेगा. चाहे तो किसी शुनसान जगह पर एक दिन बिताकर देख सकते है.

 

वास्तविक जीवन के ज्ञान में सभी के साथ और सभी के विकाश से ही जीवन में ख़ुशी और आनंद मिलता है.

 

जीवन का डोर एक दुसरे से ही जुड़ा हुआ है. एक दुसरे का सहारा बनकर ही मानव जीवन विकाश करके इस प्रगतिशील दुनिया को यहाँ तक लेकर आया है. हमें और भी आगे तरक्की करने है. वास्तविक ख़ुशी को दूसरो में देख्नेगे तो ख़ुशी का आयाम बढ़ने लग जायेगा जिसे हर्ष और उत्साह कहते है ये ख़ुशी से बहूत ऊपर है. हर्ष और उत्साह में जीवन का वास्तविक ज्ञान है. स्वयं के लिए सोचने से हर्ष और उत्साह कभी नहीं प्राप्त होता है इसे मात्र झूठी ख़ुशी कह सकते है जो ज्यादा समय तक नहीं टिकता है. चुकी जीवन सुख दुःख का मिश्रित परिणाम भोगता है. हर्ष और उल्लाश से जीवन का आयाम बढ़ता है. खुद के लिए सोचने से आयाम घटने लग जाता है और अंत में आयाम छोटा हो कर अंतहीन दुःख ही देता है. अपने दिल और दिमाग से सोच कर समझ सकते है.

Tuesday, August 3, 2021

कल्पना जीवन में इच्छा का विस्तार करना कल्पना है इच्छा संगठित मन में गहन सकारात्मक विचार संग्रह करना

कल्पना का अर्थ


सकारात्मक कल्पना 

कल्पना जीवन में अपने इच्छा को विस्तार करने के महत्त्व को कल्पना कहते है इच्छा को संगठित करके मन में गहन सकारात्मक विचार संग्रह करना मन के इच्छा को पूर्ण करने के दिशा में जाना इच्छा पूर्ण करना कल्पना का अर्थ कहते है कल्पना सिर्फ करना ही नहीं होता है रचनात्मक कल्पना को साकार करने के लिए परिश्रम भी करना पड़ता है सकारात्मक सोच से रचनात्मक कल्पना पूर्ण होता है मन के सकारात्मक इच्छा पूर्ण होता है कल्पना का मुख्य उद्देश्य सकारात्मक इच्छा को संगठित करके मन में इच्छा पूर्ण करने के लिए सकारात्मक दिशा में कार्य किया जाता है उठो मन अपने सकारात्मक इच्छा को पूर्ण करने की दिशा में आगे बढ़ो मन को सक्रीय किया जाता है सकारात्मक इच्छा को पूर्ण करने के लिए ज्यादा कुछ नहीं करना पड़ता है चुकी सकारात्मक इच्छा के कल्पना संतुलित होते है जो समय, पात्र और योग्यता के अनुसार उचित होते है कल्पना का भाव सकारात्मक और संतुलित होने से मन में सकारात्मक इच्छा सक्रय हो जाते है कोई रूकावट या व्यवधान नहीं आता है कर्म का भाव सकारात्मक इच्छा को पूर्ण करने की दिशा में आगे बढ़ जाता है कल्पना में इच्छा सत्कर्म से ही ज़ुरा होना चाहिए वास्तविक मन का भाव सकारात्मक ही होता है मन में चलने वाले हर तरह के इच्छा पर भरोसा नहीं कर सकते है इच्छा पर बाहरी मन का छाप होता है इसलिए इच्छा सकारात्मक, नकात्मक या मिश्रित भी हो सकता है सक्रिय मन के लिए कल्पना का अर्थ मन में उठाने वाला इच्छा को मन के भाव से सक्रीय करना ही कल्पना होता है     

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Two types of meditation for both types of meditation to happen automatically a little effort has to be made in the beginning, later meditation happens automatically

Meditation of the divine Meditation is done in many ways  Meditation is tried in the beginning, later meditation happens automatically. Me...