Showing posts with label आकर्षित करने की क्षमता. Show all posts
Showing posts with label आकर्षित करने की क्षमता. Show all posts

Saturday, January 8, 2022

अभिनय के कला के माध्यम से अपने मन की बात रखने में बहूत सहूलियत होता है.

मन की वह अवस्था जहाँ अभिनय के लिए मनुष्य महत्वपूर्ण है

 

अभिनय एक मन की कला है अभिनय के कला में माहिर लोग इस कला के माध्यम से व्यक्ति को अपने तरफ आकर्षित करने की क्षमता रखते है.

मन के संतुलित भाव होने पर जहा दुनियादारी के लिए इस कला का इस्तेमाल किया जाता है. आम तौर पर सभी के अन्दर होता है पर किसी में कम तो किसी में ज्यादा होता है. जिस व्यक्ति में अभिनय की कला का अभाव होता है या कम होता है तो वैसे लोग अपने किसी भी क्षेत्र में या जो कार्य कर रहे है उसमे भी सफलता बहूत मुश्किल से मिलता है. इसलिए अभिनय की कला पे पारंगत होना बहूत जरूरी है. 

 

अभिनय के कला के माध्यम से अपने मन की बात रखने में बहूत सहूलियत होता है.

अभिनय कला बात करने के साथ साथ व्यक्ति के भाव में भी अभिनय के कला होने से लोग उसके तरफ आकर्षित होते है. प्रचार प्रसार के लिए अभिनेता का इस्तेमाल लम्बे समय से होता रहा है है भले वो किसी विषय का प्रचार करना हो या किसी वस्तु का प्रचार अभिनेता बाखूभी से इसे कर के उत्पाद या विषय के प्रति लोगो का मन आकर्षित करते है.

 

अभिनय के कला से मन के इच्छा को बड़े आराम से पूरा कर सकते है.

अपने उत्साह को अभिनय बनाकर लोगो के बिच में अपने बात विचार के माध्यम से इच्छा को रखकर अपने प्रति आकर्षित कर सकते है. इससे परिणाम सकारात्मक निकलने का पूरा संभावना रहता है. नेता के अन्दर अभिनय के कला के होने से लोगो के बिच अपने बात को रखने के लिए धरा प्रबाह भासन देने से लोगो पर प्रभाव पड़ता है जिससे लोग चुप चाप अपने नेता का भाषण सुनते रहते है.

 

अभिनय के कला से मन के विचार को संतुलित रखने में मदद मिलता है.

व्यक्ति के अन्दर बहूत सारे ख्याल और विचार पनपते रहते है. जिससे व्यक्ति सुख दुःख भी महशुश करता है. यदि अपने मन के बात को जो दुःख देने वाला है अभिनय और कला के माध्यम से लोगो के बिच रखा जाये तो उसका प्रभाव कम होने लग जाता है साथ में उससे जुड़ा हुआ विचार और उपाय भी सुनाने में मिलता है जिसके माध्यम से उस दुःख भरे हालत और विचार से निकलने का रास्ता मिल जाता है. जब तक अपने दुःख और तकलीफ को लोगो के बिच नहीं रखेंगे तब तक वो कम नहीं होगा. हो सकता है लोगो के विचार अच्छे भी लगे और ख़राब भी लगे पर जो जरूरी है उसे अपनाना है. लोगो के विचार अक्सर मिश्रित होते है उसमे से क्या जरूरी है? और क्या जरूरी नहीं है? ये अपने मन से समझकर उसक उपयोग कर के अपने दुःख और तकलीफ से बहार निकल सकते है. मनुष्य का कोई भी हालात उसे ज्ञान देने के लिए ही है अब क्या अपनाता है? क्या नहीं अपनाता है? इसी पर सुख दुःख निर्धारित करता है. जैसे जैसे ज्ञान बढ़ता है वैसे वैसे दुःख दूर होते जाता है.   

Post

Perceptual intelligence meaning concept is an emotion of the mind

   Perceptual intelligence meaning moral of the story is the victory of wisdom over might Perceptual intelligence meaning moral character ma...