Sunday, January 16, 2022

Real life motivational thinking is active action is better to think a lot than to think something to do something and show it by becoming something better to wander in dreams

Real life motivational thinking is active action


Inspiration is a thought, moral is always active 

It is better to do something and show something than to think a lot. It is better to wander in dreams that those who are dreaming, feel better during the day. But to turn that dream into a true reality, you have to move forward. Nothing happens by sitting and thinking. Nothing is going to happen unless you activate both body and mind. It is very easy to take inspirational examples from someone. But if you show inspirational example according to inspiration, then whose inspiration is effective. Then motivational example becomes successful in life.

 

Motivation is always cooking something in her mind 

But sometimes try to taste the taste of that something too. If you get some taste today, then the whole world is occupied with hope. Efforts may result in less success tomorrow, but after a few days no one can stop something from being delicious. Failure is the fear of the mind which only breeds despair. Courage and effort are the rays of hope that breed fearlessness. The effort is self-supporting. Self-reliance can never stop after getting inspiration. Whoever is determined, he will surely do it. Then there is no concern about any fear or failure. Then victory and success do not stop anyone. This is the main effect of inspiration.

 

Life real inspired hearing this saying that the heart has lost its losers

The mind has its victories. When understanding is positive and natural, why the question of giving up? Its better to try to win it. Action less ness is the hallmark of defeat. No one can stop the hard work. No matter how difficult the chapter may be. No one can miss the success of a person who is motivated by hard work.

Company knowledge usually found knowledge of GST must be had by the experienced people

Company knowledge is typically found in what?

For the knowledge of the company, after the tenth, the higher secondary education starts, which is done in commerce. Good knowledge of company in commerce and secretarial practice. Economics and commerce are also very important in the knowledge of the company, without this the knowledge of the company remains incomplete. Bookkeeping for the stylus of the account in which the details of all the transactions are recorded daily. Along with this, the knowledge of GST must be had by the experienced people of the company. All these come under the knowledge of the company.


पैकिंग मटेरियल में सबसे ज्यादा कार्ड बोर्ड का इस्तेमाल होता है रद्दी पेपर को मशीन में रीसायकल करने के बाद ब्राउन पेपर का निर्माण किया जाता है

पैकिंग मटेरियल कार्टून बॉक्स


पैकिंग मटेरियल में सबसे ज्यादा कार्ड बोर्ड का इस्तेमाल होता है.

रद्दी पेपर को मशीन में रीसायकल करने के बाद ब्राउन पेपर का निर्माण किया जाता है. जिससे कार्टून बनाया जाता है. कार्टून के लिए पेपर के कई तह को गोंड से चिपकाया जाता है. जिसके दो प्लेन पेपर के बिच में धारीदार कोरोगेटेड पेपर लगाये जाते है. कार्टून को रखने वाले वस्तु के आकर और वजन के अनुसार उसकी मोटाई तय की जाती है. नरम या कड़क कार्टून के अनुसार उसमे गोंड की मात्र भी तय की जाती है. जितना ज्यादा गोंड का मात्र होता है कार्टून उतना ही शक्त और मजबूत होता है.

 

कार्टून बनाने के लिए बड़े बड़े मशीन का उपयोग किया जाता है.

३ तह, ५ तह, ७ तह और जरूरत पड़ने पर इससे भी ज्यादा तह कार्टून बनाने में लगाया जाता है. सभी तह के बिच में गोंड का इस्तेमाल किया जाता है. सरे काम मशीन से किया जाता है. बने हुए पेपर के तह को प्रेस मशीन में चलाकर उसको ठीक से प्रेस किया जाता है. इस दौरान उसमे गर्मी भी प्रबाहित ही जाती ही जिससे पेपर तुरंत चिपक कर और शक्त होकर मशीन से बहार निकले.   

 

कार्टून के कोरोगेटेड पेपर बनाने के लिए कोरोगेशन मशीन में दो रोल होते है.

कार्टून के कोरोगेशनमशीन के दोनों रोल में गियर के जैसा दांत बना होता है. जो लम्बे लम्बे धारी के सामान होता है. दोनों रोल के गियर के बिच से पेपर को इसमे से गुजरने के साथ इसमे थोडा गरमी उत्पन्न होने के लिए विद्युत् पवार से गरम करना पड़ता है. जिससे दुसरे तरफ पेपर कोरोगेतेट हो कर बाहर निकले. मशीन में ही कोरोगेतेट हुए पेपर को रोल किया जाता है. जिससे कार्टून के लिए कोरोगेशनमें कोई प्रभाव नहीं पड़े और पेपर में उत्पन्न हुए गर्मी कुछ और समय तक बरक़रार रहे जिससे पेपर का कोरोगेशनकायदे से हो जाये और लम्बे समय तक कोरोगेशनबना रहे.

 

कार्टून के कटिंग मशीन में कार्टून के बॉक्स को आकर देना

कार्टून कटिंग मशीन में कार्टून के बॉक्स को आकर के अनुसार कटिंग का काम होता है. जरूरत पड़ने पर लेबल, नाम और सामान के विशेषता की प्रिंटिंग भी की जाती है. जो कई रंग, रूप और चित्र के साथ भी हो सकता है. वो भी मशीन से ही किया जाता है. आकर के अनुसार कार्टून बोर्ड को मशीन कटिंग करता है. मोरने वाले भाग को मोरने के लिए फिर प्रेस मशीन में भेजा जाता है. मोरने वाले भाग के धारी बनया जाता है. जिससे सभी कार्टून एक जैसा बनकर तयार हो जाता है.

 

कटिंग से बचे हुए बेकार टुकरे को फिर से रीसायकल किया जाता है.

बचे हुए बेकार टुकरे को फिर से रीसायकल कर के कार्ड बोर्ड बनाया जाता है. कोई भी पेपर का बेकार टुकरा फेका नहीं जाता है. बचे हुए पेपर के बेकार टुकरे को रीसायकल किया जाता है जिससे नया पेपर बन कर निकालता है जिसका नये कार्टून बनाने के लिए उपयोग किया जाता है. 

 

फोल्डिंग करने वाले मशीन में कार्टून बनाना

कार्टूनको अंत में बॉक्स का रूप देने के लिए फोल्डिंग मशीन में भेजा जाता है. जिससे बॉक्स आकर के अनुसार मुड़ कर बॉक्स बन जाता है. जरूरत के अनुसार बॉक्स बनाने में चपटी पिन वाला मशीनी स्टेपलर का उपयोग किया जाता है या ब्राउन टेप या सादे टेप से भी मशीन बॉक्स के निचले भाग को चिपका कर बॉक्स बनाकर बहार निकलता है.

 

कंप्यूटकृत मशीनी युग के चमत्कार से कार्टून बॉक्स बनाना हुआ आसान

सभी मशीनी काम स्वचालित और कंप्यूटकृत होते है. जिसे कंप्यूटर के सॉफ्टवेयर से किया जाता है. जैसा कार्य करना वैसा प्रोगामिंग किया जाता है.

वास्तविक जीवन के ज्ञान में सभी के साथ और सभी के विकाश से ही जीवन में ख़ुशी और आनंद मिलता है

जीवन से समझौता

 

वास्तविक जीवन के आयाम में समझौता.

मानव जीवन में कई प्रकार के ख्वाइश होते है पर वो अपने जिम्मेवारी के तहत सभी इच्छा को पूरा नहीं करता है. मानव जीवन का उद्देश्य कभी भी अपने स्वार्थ को पूरा करने के लिए नहीं है. यदि ऐसा वो करते है तो सबसे बड़ी विडम्बना है की उनके स्वार्थ कभी भी पुरे नहीं होंगे. खुद के लिए सोचना ठीक है पर स्वार्थवश कुछ सोचना बिलकुल भी उचित नहीं है. जब मानव के इच्छा पुरे नहीं होते है तो वो घृणा और दुःख के सागर में डूबने लग लग जाता है जिससे जो जिम्मेवारी उसके ऊपर होते है उसको भी नहीं पूरा कर पाता है और असफलता ही अंत में हाथ लगता है.

 

जीवन की वास्तविक ख़ुशी तो जो जिम्मेवारी अपने ऊपर है उसको निभाने से मिलता है.

जिम्मेवारी से जो प्राप्त होता है वही सच्चा ख़ुशी है इस ख़ुशी में आनंद और हर्ष भी महशुश होता है. जीवन के कला में ख़ुशी के पल को धून्दाने वाले अपने कर्तव्य में ख़ुशी को खोजते ही तो उनको सालता के साथ साथ मान, सम्मान, इज्जत, प्रतिस्था सबसे बड़ी बात आदर सब जगह से मिलता है. इतना पाने मात्र से ही जिम्मेदार इन्सान ख़ुशी से उत्साहित हो कर अच्छा करने का प्रयाश करता है दुनिया में वो अपना पहचान बनता है. जीवन में कुछ प्राप्त करना ही है तो दूसरो के लिए कुछ न कुछ अच्छा करने के बारे में सोचने से सफलता जल्दी मिलता है.

 

जीवन के आयाम को ठीक से समझे तो यदि हम है और दुनिया में कोई नहीं है तो क्या होगा?

 

सब व्यर्थ ही होगा, कोई उद्देश्य ही नहीं होगा, न मन होगा, न सुख होगा, न दुःख होगा, न बोलने वाला कोई होगा, न जानने वाला कोई होगा, तब न कोई कुछ खरीदने वाला होगा, तब न कोई कुछ बेचनेवाला होगा. तव कैसा जीवन होगा? सोच सकते है. ऐसे माहोल में एक पल भी नहीं टिक पाएंगे और खुद का अकेलापन ही खुद को खाने लग जायेगा. चाहे तो किसी शुनसान जगह पर एक दिन बिताकर देख सकते है.

 

वास्तविक जीवन के ज्ञान में सभी के साथ और सभी के विकाश से ही जीवन में ख़ुशी और आनंद मिलता है.

 

जीवन का डोर एक दुसरे से ही जुड़ा हुआ है. एक दुसरे का सहारा बनकर ही मानव जीवन विकाश करके इस प्रगतिशील दुनिया को यहाँ तक लेकर आया है. हमें और भी आगे तरक्की करने है. वास्तविक ख़ुशी को दूसरो में देख्नेगे तो ख़ुशी का आयाम बढ़ने लग जायेगा जिसे हर्ष और उत्साह कहते है ये ख़ुशी से बहूत ऊपर है. हर्ष और उत्साह में जीवन का वास्तविक ज्ञान है. स्वयं के लिए सोचने से हर्ष और उत्साह कभी नहीं प्राप्त होता है इसे मात्र झूठी ख़ुशी कह सकते है जो ज्यादा समय तक नहीं टिकता है. चुकी जीवन सुख दुःख का मिश्रित परिणाम भोगता है. हर्ष और उल्लाश से जीवन का आयाम बढ़ता है. खुद के लिए सोचने से आयाम घटने लग जाता है और अंत में आयाम छोटा हो कर अंतहीन दुःख ही देता है. अपने दिल और दिमाग से सोच कर समझ सकते है.

Real happiness life comes from fulfilling the responsibility which is on oneself true happiness is what one gets from responsibility

Compromise on life

 

Compromise in the dimension of real life.

There are many types of desires in human life, but he does not fulfill all the desires under his responsibility. The purpose of human life is never to fulfill one's selfishness. If they do this, then the biggest irony is that their selfishness will never be fulfilled. It is okay to think for oneself, but it is not right to think about something selfishly. When human desires are not fulfilled, then he starts drowning in the ocean of hatred and sorrow, due to which he is not able to fulfill the responsibilities which are on him and failure comes in the end.

 

Real happiness of life comes from fulfilling the responsibility which is on oneself.

True happiness is what one gets from responsibility. In the art of life, those who search for happiness in their duty to find the moment of happiness, they get respect, respect, respect, prestige, the most important thing, respect from everywhere. Only by getting this much, the responsible person gets excited and tries to do good with happiness, he becomes his identity in the world. If you have to achieve something in life, then thinking of doing something good for others gives success quickly.

 

Dimension of life properly, then what if we are there and there is no one in the world?

 

Everything will be in vain, there will be no purpose, there will be no mind, there will be no happiness, no sorrow, no one will speak, no one will know, then there will be no one to buy anything, then there will be no one to sell anything. What would life be like then? Can think. In such an environment, you will not be able to last even a moment and your own loneliness will start eating itself. If you want, you can spend a day in a deserted place and see.

 

Knowledge of real life and with everyone's development, there is happiness and joy in life.

 

The strings of life are connected to each other. By becoming the support of each other, human life has developed and has brought this progressive world to this point. We have to progress further. If you see real happiness in others, then the dimension of happiness will start increasing, which is called joy and enthusiasm, it is much higher than happiness. In joy and enthusiasm lies the real wisdom of life. Joy and enthusiasm is never obtained by thinking for oneself, it can only be called false happiness which does not last long. The lost life experiences mixed results of happiness and sorrow. The dimension of life increases with joy and gaiety. By thinking for oneself, the dimension starts decreasing and in the end the dimension gets smaller and gives endless misery. You can understand by thinking with your heart and mind.

 

Saturday, January 15, 2022

Umbrella is used not only in the rain but also in the summer season to avoid the hot scorching sun

Some means of protection in a seasonal environment

 

Umbrella is used not only in the rain but also in the summer season to avoid the hot scorching sun. When snow is falling when needed, taking out an umbrella gives relief from the snow, but if it is too late, the roof of the umbrella also has to be cleaned, otherwise it may break due to the weight of the snow.

 

Use a raincoat instead of an umbrella If there is a lot of wind in the rain, then to avoid it, in which two folds are attached. One layer is made of plastic and the other is made of strong nylon cloth. Rain coat gives relief from wind, water and snow. If you are in the icy area, then it is very important to have socks on your feet with gloves on your hands. Never walk in the snow wearing slippers. Due to this, the feet can also freeze due to cold, due to which there is a fear of hearing the feet.

धनतेरस के दिन चांदी या धातु के वस्तु ख़रीदना सौभाग्य करक और लाभ दायक होता है

धनतेरस का महत्त्व


दिपावली के दो दिन पूर्व आने वाला त्योहार धनतेरस होता है 

कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष के त्रयोदसी के दिन ये त्यौहार मनाया जाता है. इस दिन धन के देवता कुबेर की पूजा की जाती है और इनके लिए दीपक मंदिर में स्थापित किया जाता है.


यमराज के लिए  दीपक जलाया जाता है 

मृतु के देवता यमराज के लिए भी दीपक जलाया जाता है पर ये दीपक घर में सबके खाना खाने के बाद सोने से पहके घर के गृहिणी घर के बहार इस दीपक को जलाते है और सोने चले जाते है.


कुबेर के लिए  दीपक जलाया जाता है

मान्यता है की धनतेरस का दीपक घर के अन्दर कुबेर के लिए और घर के बहार यमराज के लिये दरवाजे पर जलाया जाता है.


धन्वन्तरी का अवतार और अमृत कलश  

इसी दिन धन्वन्तरी का अवतार हुआ था. जिस समय देवता और असुर दोनों मिलकर बिच समुद्र में मंथन कर रहे थे. जिस दिन धन्वन्तरी जो विष्णु के अंश अवतार मने जाते है. महान वैद्य के तौर पर स्वस्थ लाभ के लिए उनका अवतरण हुआ था. उस दिन भी कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष के त्रयोदसी के दिन ही थे.


अमृत कलश के साथ धनवंती अवतरित हुए 

शास्त्र में वर्णित कथा के अनुसार धन्वन्तरी का अवतार जो एक कलश ले कर प्रगट हुए थे स्वस्थ लाभ के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है. अमृत कलश जिसमे अमरता का वरदान सिद्ध था. १३ १४ आखरी रत्न के तौर पर समुद्र मंथन के तेरहवे साल में अमृत कलश के साथ धनवंती अवतरित हुए थे.


समुद्र मंथन के लिए कुर्म अवतार कछुए के ऊपर मन्दराचल पर्वत को स्थापित किया गया 

मन्दराचल पर्वत को मथानी बनाकर समुद्र मंथन हुआ था. जिसको कुर्म अवतार कछुए के ऊपर मन्दराचल पर्वत को स्थापित किया गया था. समुद्र मंथन में शेषनाग वासुकी के जरिये मंथन किया गया था. कहा जाता है की समुद्र मंथन १३ साल चला था.

 

सौभाग्य और समृद्धि के लिए धनतेरस के दिन चांदी या धातु के वस्तु ख़रीदना सौभाग्य करक और लाभ दायक होता है.

अच्छी बारिस किसानो ने जब खेत की तयारी भी नहीं किये थे धान के बिज लगाने के तब मई महीने के अच्छी बारिस हो गई

जलवायु परिवर्तन सुख कम दुःख ज्यादा


किसानो के लिए कई साल से जलवायु परिवर्तन देखा जा रहा है 

जलवायु परिवर्तन खास कर बारिस का मौसम उतना फायदेमंद नही हो कर नुकसान ही दे रहा है. भारत में मुख तौर पर दो साल ये देखा जा रहा है की अच्छी बारिस के होने बाबजूद भी धन के फसल या तो बरबाद हो रहा है या फसल हो ही नहीं पाता है.

 

समय से पहले अच्छी बारिस

किसानो ने जब खेत की तयारी भी नहीं किये थे धान के बिज लगाने के तब मई महीने के अच्छी बारिस हो गई. जिससे भुरभुरी मिट्टी कठोर हो गए और जिसमे बारम्बार मशीन से खेत जोतवाने पड़े. समय से पहले होने वाले बारिस ने मिटटी को जमा दिया जिसे किसानो को मशीन चलवाकर खेत की जोताई करना पड़ा.

 

इस साल तो हद ही हो गया

बिहार में खास कर इस साल जिस समय धान के बोआई होते है. उस समय उतना अच्छा से पानी बरसने से धान के बिज ठीक से तयार नहीं हुए. धान के बिज बोने के साथ पानी बरसने से बहूत सरे बिज पीले पड़कर ख़राब हो गए. जिनको यूरिया के जरिये कुछ हद तक सुधर हुआ. पर अधिकांश धान के बिज ख़राब ही हो गए जो पूरी तरह से पानी में डूब गए थे. कुछ तयार भी हुए तो उसमे किसान को उस बिज को शक्त जमीं से ठीक से निकालाना पड़ा जिसमे कई धान के बिज ख़राब हो गए.

 

महँगी लागत उपज कम

जैसे तैसे आंशिक बिज से किसानो ने धान के खेती किये. अच्छी बारिस होने बाद ही धान के बिज को खेत में गहरे पानी में लगाया जाता है. धान के बिज के रोपाई के दौरान बारिस का पानी अच्छा मिला जिससे खेतो में धान के बिज लगाये गए.

 

अच्छी बारिस पड़ी मुसीबत, ऊपर से नदी के बाढ़

आंशिक धान के बीजो को खेत में लगाये जाने के बाद भी बारिस नहीं रुकी और उनमे से निचले इलाके के खेतो में पानी भर जाने से धान के बिज ही डूब गए. सिर्फ उथले जगह पर कुछ धान की खेती लग पाया. आने वाले बढ़ के पानी ने उन सभी को ही डुबो दिया. कुछ सौभाग्यशाली खेत थे जहा बढ़ के पानी नहीं जा पाया सो वो सब बच गए. उनमे लगातार बारिस के पानी से खेती भी अच्छी हुई.

 

अंत में जो बचा था वो भी गया

धान के फसल के पकने के बाद उसको कटा गया. जिनके फसल बचे थे उन किसान ने अपना फसल को काटा. धान के फसल को खेत में सूखने के लिए कुछ दिन तक छोड़ा जाता है. इस दौरान ३ दिन लगातार बारिस हो गई. जिससे सभी खेत के उपजे धान खेत में उग गए. रही सही पूरी फसल इस तरह से बर्बाद हो गए. कहा जाता है की जितने बिज उगाये गए थे उसमे से सिर्फ १५ या २० प्रतिशत की धान के फसल हुए और बाकि फसल बारिस और बढ़ से बर्बाद हो गए. 

महिलाये आज के समय में पुरुषो साथ कदम से कदम मिलाकर हर क्षेत्र में उन्नति कर रही है

लडकियों के लिए शिक्षा अत्यंत आवश्यक

 

माता पिता के लाडली बेटी जो आज के समय में पुरुषो साथ कदम से कदम मिलाकर हर क्षेत्र में उन्नति कर रही है. 

कोई ऐसा क्षेत्र बाकि नहीं है जहा स्त्रीयां पुरुषो से कम हो. कई क्षेत्र में तो स्त्रियां पुरुषो से आगे भी है खास कर स्कूल में पढ़ाने वाले टीचर बहुताया में स्त्रियां आगे चल रही है. भले प्राइवेट स्कूल हो या बच्चो के कोचिंग क्लासेज सब जगह अब स्त्रीयां विराजमान है.

 

आधुनिक समय में पुरुस के साथ स्त्री को भी बाहरी जानकारी होना अत्यंत आवशयक है. 

जिससे वो स्वयं की रक्षा कर सके और घर बैठे गृहिणी को भी चाहिए जी अपने जीवन में बाहरी संसार का पूरा ज्ञान हो. सरकार ने हर क्षेत्र में स्त्री को प्रोत्साहन के लिए मार्ग खोल रखे है. जिससे की स्त्री को हर प्रकार के जानकारी और स्वतंत्रता मिल सके.

 

आज के समय में स्त्री को भी स्वाभिमानी होना अत्यंत आवशयक है. 

रूढी परंपरा ने जैसे महिलाओ को घर में बंद कर रखा है. मनो जैसे महिलाये का काम सिर्फ घर में खाना बनाना और परिवार बढ़ाने की ही जिम्मेवारी हो. अब महिलाओ को खुद के पैर पर खड़ा होना होगा. रूढीवादी परंपरा के बंधन को तोड़ना होगा. तब जाकर दुनिया का बाहरी ज्ञान मिलेगा.

 

शहर हो या गाँव में अभी भी बहूत ऐसे परिवार है तो प्राचीन परम्परा को संजोकर महिलाये को ऊपर उठाने नहीं देते है. बहूत ऐसे भी परिवार है जो महिलाये को घर के बहार तक नहीं निकालने देते है. यहाँ तक की सैकरो ऐसे परिवार है जो खास कर ग्रामीण इलाके में बचपन में अपने बेटी को स्कूल तक नहीं भेजते है.

 

समय का दौर परिवर्तित हो रहा है. 

आज वैज्ञानिक युग चल रहा है. कुछ कर दिखाने का समय है. हर किसी के अन्दर कोई न कोई खासियत होता है. अपने खासियत को परिपक्व करने के इए संसार को अपने आँख से देखना बहूत जरूरी है. अपने प्रतिभा को उभारना बहूत जरूरी है. देश तरक्की की राह पर चल रहा है. संसार को ज्ञानवान व्यक्ति की तलाश है, जिससे आगे का समय अच्छा व्यतीत हो.

 

बेटियों के शिक्षा बचपन से ही जरूरी है. कई बरसो से देखा जा रहा है.

मध्यमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षा में बेटी अव्वल आ रही है. खुद के अच्छा नाम के साथ अपने माता को भी सम्मान के पात्र बना रही है. शिक्षा के उच्चतम स्तर को प्राप्त कर रही है. 

Friday, January 14, 2022

विवेक बुद्धि दिमाग के सकारात्मक पहलू होते है (Wisdom and Intelligence) मन जब सकारात्मक होता है तो शांत होता है एकाग्र होता है एकाग्र मन में सकारात्मक विचार होते है जिससे सकारात्मक तरंगे दिमाग में जाता है

विवेक बुद्धि (Wisdom and Intelligence) दिमाग के सकारात्मक पहलू है


विवेक बुद्धि में दिन प्रति दिन मानव का समय (Time is running out) बीतते चला जा रहा है 

बच्चे जन्म लेते है बड़े होते है, अब हम सब बुढ़े होते जा रहे है, कई बार हम ये सोचते है की जिस तारीके से दिन बीतते जा रहा है, ऐसे गतिशील समय में ऐसा लगता है, कुछ सोचे तो कुछ और होता है, जो सोचते है वो फलित नहीं होता है, ऐसा लग रहा है जैसे सरे सोच व्यर्थ होते जा रहे है, उस सोच को पूरा न होते देख कर हम अक्सर दुखी ही रहते है, आखिर ये सब का कारन क्या है, जो सोचते है, वो होता नहीं है, होता वो है, जिसके बारे में सोचते नहीं है, ऊपर से इन सभी के कारण दुःख का भाव, तो इसका रास्ता क्या निकलेगा। 


विवेक बुद्धि से सोचे भाई इसका कोई रास्ता नहीं निकलेगा (there's no way out) नहीं निकलने वाला है 

जो समय पीछे छूट गया है, उसे पूरी तरह से छोड़ दे, तो ही जीवन में फिर से ख़ुशी आयेगी, जो समय हमे आगे मिला हुआ है, कम से कम उसका सदुपयोग करे, और पुरानी  बाते को मन से निकला दे, तो ख़ुशी ऐसे ही हमें मिलाने लगेगी, हमें पता है, की ख़ुशी मिलने से ही हमें ताकत भी मिलती है, जिससे हमें ऊर्जा मिलता है, तो क्यों न हम ख़ुशी के तरफ ही भागे और पुरानी बाते को पीछे छोड़ते हुए आगे बढ़ते जाय, जो बित गया उससे कुछ मिलाने वाला नहीं है सिवाय दुःख के। 


विवेक बुद्धि के अनुसार  बीती यादें में भवनाओ का असर (Effect of feelings) होता है 

मन की आदत वैसे  ही बानी हुई है, अच्छी चिजे निकल जाती है, क्योकि उसमे भावनाओ का असर होता  है, अच्छी चीजे वो है जिसमे कोई भाव नहीं होता है, सिर्फ और सिर्फ ख़ुशी का एहशास होता है, वो रुकता नहीं है, आगे जा कर दुसरो को ख़ुशी देता है, वो सब के लिए है, भावनाये तो वास्तव में उसका होता है जो हमारे मन में पड़ा हुआ है, तीखी कील की तरह चुभता रहता है, तो ऐसे भाव को रख कर क्या मतलब, जो दुःख ही देने वाला है। 


विवेक बुद्धि के मतलब ऐसे भाव भावाना से बच कर ही रहे (Stay away from emotion) तो सबसे अच्छ है 

जो बित गया उसे भूल जाए, आगे का जीवन ख़ुशी से गुजारे,  नए जीवन की प्रकाश ओर बढे,  उसमे हमें क्या मिल पा रहा है,  उस ओर कदम बढ़ाये नए रस्ते पे चले  जहा पिछली कोई यादो का पिटारा न हो, जहा पिछला कोई भाव न हो। 


विवेक बुद्धि में समय (Time is running day by day) दिन प्रति दिन भागते जा रहा है 

हर पल को ख़ुशी समझ कर बढ़ते रहे, अच्छी चीजे को ग्रहण करे, जिसमे कोई पड़ेशानी कोई दुःख या कोई ब्यवधान हो तो उसको पार करते हुए  अपनी मंजिल तक पहुंचे  दुविधाओ को मन से हटा के चले,  जीवन में बहुत कुछ आते है,  बहुत कुछ जाते है, उनसे ज्ञान लेकर आगे बढ़ते रहे  खुशी से रहे  प्रसन्नचित रहे आनंदित रहे।  


विवेक बुद्धि से समझे तो दुविधाए (Troubles nothing happens) कुछ नहीं होता है  मन (Mind is delusional) का भ्रम होता है  

सही सूझ बुझ से अपने कार्य को विवेक बुद्धि से करे तो हर रूकावट दूर होता रहता है  सय्यम  रखे  किसी प्रकार के बिवाद को मन पर हावी न होने दे मन में सय्यम रखते हुए बुद्धि का उपयोग करे  हर  कार्यो में सफलता मिलेगा। 


विवेक बुद्धि दिमाग (Discretion intelligence is the positive aspect of the mind) के सकारात्मक पहलू होते है 

मन जब सकारात्मक होता है तो शांत होता है  एकाग्र होता है  एकाग्र मन में सकारात्मक विचार होते है  जिससे सकारात्मक तरंगे  दिमाग में जाता है  दिमाग ऊर्जा का क्षेत्र होता है  जो सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ता है  विवेक बुद्धि इससे सकारात्मक होता है  यदि विवेक बुद्धि सकारात्मक नहीं हो तो उसे विक्छिप्त माना जाता है विक्छिप्त प्राणी के मन में भटकन होता है उसके मन के उड़ान बहुत तेज ख्यालो में रहता है जिसको कभी पूरा नहीं कर सकता है ख्याल, विचार, मस्तिष्क में होने पर सक्रियता समाप्त होने लगता है जो की थिक नहीं है। सक्रिय मस्तिष्क ही  कार्य को पूरा करने में मदत करता है  जिससे मन शांत रहता है  जरूरी कार्य में मदत करता है  कार्य पूरा होता है।   





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