Saturday, June 21, 2025

प्रश्न के लिए मूल्य बिंदुओं और ज्ञान बिंदुओं में ज्ञान का कोई ओर अंत नहीं सिर्फ समझ का फेर जितना अछा होगा उतना ही अच्छा ज्ञान अपना बढेगा

  

किसी प्रश्न के लिए मुल्य बिंदुओं और ज्ञान बिंदुओं में क्या अंतर है?

 

मुल्य और ज्ञान का मन से गहरा सम्बन्ध है। मन में हर पल कुछ न कुछ चला ही रहता है। मन सदा चलायेमन होता है। बुध्दि विवेक के सक्रिय होने से मन के अन्दर चलने वाला हर हरकत सक्रीय नहीं होता है। बुध्दी विवेक से हमें परिणाम मिलता है की क्या उचित है और क्या उचित नहीं है। परिणाम के अनुसार सक्रिय मन निर्णय लेता है की क्या करना है और क्या नहीं करना है। तब सक्रीय मन जो जरूरी होता है वही कार्य में लग जाता है। बाहरी रूप रेखा में वो कार्य क्रियान्वित होते हुए नजर आता है। स्वाभाविक है यही कल्पना का साकार होना कहलाता है। मन के अन्दर अचेतन ९० प्रतिशत है और सचेतन १० प्रतिशत है। कल्पना अवचेतन मन में होता है। ज्ञान के दृष्टी से सचेतन और अचेतन से बहूत ऊपर अवचेतन मन होता है। ज्ञान बिंदु उजागर होता है। 

 

  ज्ञान बिंदु

ज्ञान के दृष्टी से किसी विषय वस्तु को देखना और समझना दोनों जरूरी है।

जब तक किसी विषय वस्तु देखेंगे नहीं तब तक उसका रूप रेखा नहीं मालूम पड़ेगा। विषय वस्तु को देखने से ज्ञान होता है। वही ज्ञान समझ को बढाता है। किसी विषय वस्तु को जितना समझने का प्रयास करेंगे। उतना ही अपना ज्ञान बढ़ता जाता है। वैसे तो ज्ञान का कोई ओर अंत नहीं है। सिर्फ समझ का फेर है। समझ जितना अछा होगा। उतना ही अच्छा ज्ञान अपना बढेगा।

 

प्रश्न के लिए मुल्य बिंदुओं और ज्ञान बिंदुओं में अंतर को समझे तो प्रश्न का मूल्य बिंदु प्रशन का प्रारूप होता है।

जो सामने चारितार्थ होता है। प्रश्न के प्रकृति को दर्शाता है। प्रश्न के प्रभाव से निकालने वाला परिणाम साफ साफ समझ में आता है। प्रश्न के ज्ञान बिंदु प्रश्न से निकलने वाले परिणाम से जो चरितार्थ होता है। परिणाम को समझते हुए जो प्रतिक्रिया उचित होता है। समझ कर उत्तर देना ही ज्ञान बिंदु होता है। यही किसी भी प्रश्न के लिए मूल्य बिंदुओं और ज्ञान बिंदुओं में अंतर है।    

No comments:

Post a Comment

Post

राष्ट्रीय एकता दिवस (Rashtriya Ekta Diwas) पर विस्तृत जानकारी।

राष्ट्रीय एकता दिवस (Rashtriya Ekta Diwas) पर विस्तृत जानकारी। विषय: राष्ट्रीय एकता दिवस: सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती और एकता का संदेश --- ...