Wednesday, June 18, 2025

ईश्वर भक्ति के रास्ते पर चलने वाला इन्शान

  

ईश्वर भक्ति के रास्ते पर चलने वाला इन्शान के लिए किसी  पवित्र जगह या अपवित्र जगह जाने से उसके मन में कोई प्रभाव  नहीं पड़ता है.

सफलता का मार्ग अपने संघर्षरत जीवन में सुख हो या दुःख उससे भी उसको कोई प्रभाव नहीं पड़ता है.

मन में ईश्वर के नाम लेते लेते सभी आसान और दिक्कत भरे रास्ते पर चलते हुए अपने कर्तव्य को पूरा करता रहता है.

भले वो कर्तव्य मार्ग पर ईश्वर का साधना करते करते हुए मृतु के द्वार भी चले जाये.

तो भी वो अपने मन को ईश्वर के माध्यम से साधने से कभी पीछे नहीं हटता है.

ऐसा करने से वो मृतु के कगार पर भी चला जाता है तो भी वो ईश्वर साधना में अपना जीवन सार्थक मानता है.

 

जो व्यक्ति अपने शारीर को पलता है मेहनत नहीं करता है.

अपने काम और कर्त्तव्य से बचने के लिए किसी पवित्र जगह पर हमेशा रहकर ईश्वर का साधना करना चाहता है.

भले ऐसा करने से दानवीर लोगो के द्वारा उसका भरण पोषण होता रहता है. लोग उसे भक्ति भावना में लीन मानाने लगते है.

ईश्वर के परम भक्त तक समझने लगते है. पर ऐसा कुछ नहीं होता है.

वो ईश्वर के बिलकुल भी करीब नहीं होता है. अपने कामचोरी के नियत को बढ़ावा देता है.

ऐसे नियत वाले व्यक्ति खुद को ईश्वर के भरोसे मानते है.

दिन रात चौबीसों घंटे ईश्वर के नाम में लीन रहते है.

अपने कार्य और कर्तव्यों से भागते रहते है इनका भरोसा ईश्वर पर ही होता है.

जिससे इन्हें देने वाले के द्वारा भोजन और पैसे तो मिल जाता है.

पर ईश्वर की प्राप्ति तो दूर की बात वो इसके काविल भी नहीं बनते है.

 

जीवन में सफलता का मार्ग एक ही है.

करी मेहनत, संघर्स, सुख, दुःख को भोगते हुए जो जीवन को समझता है.

अपने मन को साधता है.

भले ईश्वर भक्ति हो या अपने कर्त्तव्य का पालन करना दोनों ही सार्थक माना जाता है.

ऐसे व्यक्ति को ईश्वर और परमात्मा सभी मदद करते है.

  सफलता का मार्ग 

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