Friday, June 20, 2025

जीवन क्यों दुखी रहता है।

परमात्मा दिया हुआ मानव जीवन सुख दुख से घिरा रहता है मानव जीवन में सुख दुख दोनों बारी बारी आता है। परमात्मा ने मनुष्य को अंतहीन दुख और बेपनाह खुशिया भी प्रदान किया है जिससे दुख का ज्ञान लेकर मनुष्य मजबूत और साहसी होता है अपितु सुख मनुष्य को आंतरिक दृष्टि से कमजोर भी करता है। खुशियों से मन बेलगाम घोड़ा हो जाता है सही गलत का ज्ञान उसके भौतिक खुशी के करण दिखाता नहीं है जब की परमात्मा का दिया हुआ मानव जीवन आत्म के ज्ञान के लिए होता है। दुख मनुष्य को शोध और संघर्ष के तरफ बढ़ावा देता है। जिससे वो उत्कर्ष हो कर भले भौतिक खुशी प्राप्त नहीं करता पर आत्मिक खुशी जरूर प्राप्त करता है।
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दूध और पानी को अलग करने की क्षमता होती है। यह विश्वास भले ही वैज्ञानिक दृष्टि से सत्य न हो, परंतु इसके पीछे छिपा दार्शनिक और नैतिक अर्थ अत्यंत गहरा और प्रेरणादायक है।

  हंस और दूध-पानी को अलग करने की कथा प्रतीक, दर्शन और भारतीय संस्कृति भारतीय संस्कृति में पशु-पक्षियों को केवल प्राकृतिक जीव के रूप में नह...