Sunday, July 18, 2021

Imagine is being imaginative a positive or a negative quality tools of imagination is the modern way of imagination should be the same sense of concentration in the way of

Imagination meaning necessary for life


Imagination is essential for the upliftment of life and to fulfil 

The basic need and to establish one's desire in life. Hobbies, desires are conceived by concentrating the mind by including them in thought. Imagination is to establish hobby, desire in the inner mind through imagination. One can imagine the forecast of a work arrangement. An arrangement in which the work can be estimated in the imagination. Life can be observed in imagination. The dream of life can be seen in imagination. The desire of the mind can be thought of in imagination. He can imagine for every subject that he needs in the future. You can imagine the evolution of life. You can imagine the progress of the work system.


Is being imaginative a positive or a negative quality? 

Imagination is a positive quality or can be guessed by thinking negatively. Every subject matter which is necessary along with being useful for life. Can imagine positive. If you are imagining to do something selflessly for the purpose of karma in the society, then it is a positive imagination. For the spiritual development of life, only positive imagination should be done. The idea of ​​doing something for the poor poor is positive imagination. Imagination that happens to maintain balance in life is a positive imagery. Theoretical people give importance to positive imagination. Immoral imagination is only negative. Imagination done for self-interest is negative. For this reason imaginative is both a positive or a negative quality depending on the time and the character.

 

Tools of imagination

Imagination is a phenomenon occurring in the inner mind. Concentration is the use of mind and intellect for imagination to happen. This can be given as an example of a tool of imagination. For example, one can listen to melodious music. For concentration which is helpful in imagination. But music during the imagination can also create a hindrance to the imagination. Concentration is the main tool. The mind and intellect are helpful for the imagination to happen.

 

What is the modern way of imagination?

Imagination happens according to time and character. As the external mind will be the sense of the intellect. Imagine that it would happen. In the modern era, imagination will also occur for the attainment of modern subject matter. Concentration means having a similar feeling. There should be a similar sense of concentration in the way of modern imagination. Then the fantasy will happen. Everything will be positive.


Tuesday, July 13, 2021

Imagination with model unless sample or image in the imagination cannot happen the imagination can only be an event until the imagination does not happen automatically,

Which model is used with the imagery?


Unless there is a model or image in the imagination, then the imagination cannot happen. 

Imagination can only be an event. As long as the imagination doesn't happen automatically. Until then, imagination cannot be called imagination. Until the blurred images of the image automatically appear in the imagination. To make the imagination effective, work has to be started according to the model or image of the imagination. According to each unit of imagination, work has to be started in life. As long as you will not start something from somewhere or the other. Till then there will be no point of imagination. Then the imagination will prove to be futile. Imagine whenever it happens. Then imagination drives the mind towards action. It is very important for the mind to be active according to the imagination. Imagination is a predictable event. Action is an event occurring in the present. Activation of action is the result of imagination. When imagination happens, the background of the work related to it is prepared. Thinking causes imagination, so there must be positive thinking in the development of life, thinking is the nature of the mind, thinking begins with the intellect in the outer mind, if the thinking is positive. So the inner mind acts in the form of imagination. Trying to think can but. On seeing the forecast in the imagination, the mind feels happy in the present. If all goes well then the imagination becomes dynamic. The mind starts showing reflection. The activity of the task begins to act according to the image model of the imagination. Therefore, for success, activity in action is more essential than thinking and imagining.


Saturday, July 10, 2021

मनुष्य के जीवन में कर्म का ही महत्व होता है, कर्म से ही सब कुछ है, कर्म के बिना कुछ नहीं, जीवन के आयाम में कर्म की बड़ी उपलब्धि है, माता पिता की सेवा बड़े बुजुर्गो की सेवा समाज में मदद गरीब दुखी को सहारा देना ये सभी कर्म के माध्यम है

मनुष्य के जीवन में कर्म का ही महत्व होता है, कर्म से ही सब कुछ है, कर्म के बिना कुछ नहीं, जीवन के आयाम में कर्म की बड़ी उपलब्धि है, माता पिता की सेवा बड़े बुजुर्गो की सेवा समाज में मदद गरीब दुखी को सहारा देना  ये सभी कर्म के माध्यम है, अपना काम धाम करना स्वयं में व्यस्त रहना ये मनुष्य  का काम, ब्यापार और रोजगार है, इससे मन को संतुष्टि होती है, ऐसा होना ही चाहिए मन सकारात्मक हो कर अपने काम धंदा को करता है तो अच्छा ही है, क्योकि कर्म तो काम धंधा की उपलब्धि से ही प्राप्त होता है, जिससे ऊपर उठ कर मनुस्य कर्म करता है।  

मनुष्य  एक बार सोच ले की हमें कर्म करना है कुछ अच्छा करना ही तो सहारा होगा, दिन दुखी की मदद करने ने तृस्ना मिटटी है जिससे मनुष्य का मन शांत रहता है, समाज में मदद करने से आयाम बढ़ता है  जैसे समाज में कुछ बुरा हो रहा हो, कोई एक वर्ग दूसरे वर्ग की अवहेलना कर रहा हो तो वह उनको ज्ञान के माध्यम से जागरूक कर के सभी वर्ग को एक सामान समझना और लोगो को प्रेरित करना ताकि सब एक जैसे एक सामान बने रहे, बड़े बुजुर्गो की सेवा बड़ा ही सुफल कर्म होता है  जिनकी यात्रा समाप्त होने वाला होता है, उनको सहारा देने से मन को अद्भुत शांति और ख़ुशी का एहसास होता है, यदि सक्षम हो तो उन बच्चो की भी सहारा दिया जाए जिनके कोई नहीं होते है जो अनाथ होते है, उनको सहारा देने से उपलब्धि प्राप्त होता है  समाज में नाम होता है, ये सब जो काम निस्वार्थ भाव से किया जाता है  उसे ही कर्म कहते है। 

कर्म से बड़ा कुछ नहीं होता है कर्म ही महान है और वही अध्यात्म है वही जीने की राह है वही सच्ची ख़ुशी है और वही इंसानियत है।

कर्म से मन पर प्रभाव 

कर्म मनुष्य का धर्म है  जो जीवन के अध्यात्मिल प्रगति के लिए बहुत आवश्यक है  अध्यात्म मनुष्य के जीवन जीने की कला है जीवन उच्च आदर्श के सिखने कला है  यहाँ पर तीन ज्ञान रूपी अध्यात्म का जिक्र सात्विक राजसी और तामसी है मानसिक इस्तिथि चाहे कैसी भी हो  ज्ञान उसको परिवर्तित कर सकता है एक तामसी ब्यक्ति सही प्रकार से ज्ञान के रस्ते पे चले तो अपने आत्मिक उथ्थान में प्रगति कर सकता है  सात्विक राजसी तामसी स्वभाव होता है  जो अंतर्मन से जुड़ा होता है जिसमे परिवर्तन इतना आसान नहीं होता है मन आसानी से परिवर्तित नहीं किया जा सकता है  मन में परिवर्तन के लिए बहुत कुछ करने पड़ते है  वो माध्यम है कर्म करना  मन को लाख मना ले पर वो मानता नहीं है  कर्म से ही मन में परिवर्तन होता है  अच्छे कर्म करने वाले के मन प्रफुल्लित होते है हर्ष और उल्लास होने भरा होता है दुसरो के खुशिया देने के माध्यम से खुशिया स्थापित हो जाते है। 

 

कर्म से मन कैसे परिवर्तित होता है 

 मन लीजिये हम बुरा कोई काम करते है तो उससे उससे हमारा  मन उद्विघ्न हो जाता है जब उसी बुरे काम के जगह हम अच्छा काम किसिस के भली या सेवा के लिए करते है तो मन प्रस्सनता आता है  भले हम चाहे कितने भी बुरे क्यों हो या हम मिर्ची कहते है तो तीखा लगता है जब चीनी  मीठा लगता है  वैसे ही बुरे इंसान के द्वारा अच्छा सेवा भाव पर अच्छा कर्म करने से उस बुरे इंसान को कुछ समय के लिए या कुछ पल के लिए मन प्रफुल्लित जरूर होता है  इसलिए निस्वार्थ सेवा भाव से मन और जायदा प्रफुल्लित होता है जैसे समाज या ब्यक्ति विशेष के लिए कुछ अच्छा करते है पर वह पर मन के अंदर किसी विषय वास्तु के प्राप्त करने केलिए कल्पना नहीं होना चाहिए  तब निस्वार्थ सेवा भाव जरूर फलित होता है। 

सतत प्रयास से मन शांत और एकाग्र होता जिसमे प्रस्सनता, प्रफुल्लता, हौसला, साहसकिसी कार्य के लिए प्रयास करने का छमता, दृढ निष्चय, निरनरंतर काम करने की छमता प्राप्त होना 

मन को धीरे धीरे प्रफुलित किया जाता है  ये प्रयास निरंतर होना चाइये  बच्चो से पायरी पैरी बाते करने से उनको कुछ मीठा खिलने मन प्रस्सन होता है चाहे कोई भी प्यारे बच्चे को देखने से किसी का भी मन प्रस्सन होता है। सेवा, किसी  की कार्य को समय पर पूरा करने से से आलस्य दूर होता हैआलस्य दूर करने  के लिए भी निरंतर मेहनत करना पड़ता है जिससे एकाकी भाव उत्पन्न होता है जिससे किसी भी कार्य या सेवा भाव के लम्बे समय तक कायम रखने के लिए छमता प्राप्त होता है  जिसे आलस्य बिलकुल समाप्त हो जाता है। दृढ निश्चयत के गुन का विकास होता है। निस्वार्थ सेवा भाव कर्म से आत्मिक उन्नति बढ़ता है जिससे प्रस्सनता प्रफुल्लता मन में बढ़ता है जिसे मन में सच्चे मायने में ख़ुशी प्राप्त होता है, नकारात्मक भाव समाप्त होने लगते है, सकारात्मक ऊर्जा जीवन में फैलता है, निस्वार्थ कार्य सेवा भाव से जीवन में उन्नति मिलता है लोगो में पहचान बढ़ता है, यश और कृति प्राप्त होता है जिससे वह ब्यक्ति महान बनता है। वही वास्तव में इंसान कहलाता है। 

कर्म से बड़ा कुछ नहीं होता है कर्म ही महान है और वही अध्यात्म है वही जीने की राह है वही सच्ची ख़ुशी है और वही इंसानियत है। 


सकारात्मक जीवन के प्रेरणादायक के बारे में कहूँ तो मनुष्य के जीवन में तरक्की का बहुत बड़ा कारण प्रेरणा स्त्रोत होता है, जो की किसी ऐसे ब्यक्ति से मिलता है

जीवन के प्रेरणा स्त्रोत


सकारात्मक जीवन के प्रेरणादायक के बारे में जानकारी

मनुष्य के जीवन में तरक्की का बहुत बड़ा कारण प्रेरणा स्त्रोत होता है, जो की किसी ऐसे ब्यक्ति से मिलता है जिससे कुछ सिख के, प्रेरणा लेकर कर अपने क्षेत्र में उन्नति करता है, लोगो के बिच में सराहनीय कार्य करता है, सामाजिक कार्य हो या अपने काम काज, ब्यापार के विस्तार में बहुत अच्छा काम करता है,  ये सभी क्रिया कलाप अपने जीवन के प्रेरक वक्ता के प्रेरक विचार से प्रेरित होकर सीखता है, अपना विस्तार करता है,  वही ब्यक्ति उसके प्रेरणा स्त्रोत कारन बनता है। 


सकारात्मक जीवन के उद्धरण में प्रेरणा 

प्रेरणादायक ऐसे ही एक कलाकार का जिक्र है  जो की उस समय स्कूल में पढता था और  पढाई लिखाई में रहता था,  तब तक उसके जीवन का कोई उद्देश्य भी होता है वो ज्ञान नहीं था,  आम तौर पर सभी के जीवन में कोई न कोई दोस्त होते है या कई दोस्त होते है,  उसने किसी से दोस्ती नहीं किया था, उसके पिता अच्छे कलाकार थे,  मिटटी के मूर्ति के अच्छे कलाकार थे, अपना काम काज करते थे, उनके जीवन में कला का ही महत्व था  इसलिए वे सकारात्मक जीवन के उद्धरण और प्रेरणादायक कला के प्रेमी थे, उनके एक मित्र पेंटर थे, वो भी अच्छे प्रेरणादायक कलाकार थे। 


आत्म प्रेरणा कारक की जानकारी 

बात उन दिनों की है,  जब वो ९ कक्षा में पढता था  ऐसे ही एक दिन उनके पिता जी के दोस्त किसी काम के सिलसिले में उनके घर पर आये तब वो देखे की बाप और बेटे दोनों घर पर ही है,  तभी उन्होंने उस लड़के से कहा ही की बेटा तुम अपने जीवन में क्या बनोगे ?  कुछ सोचा है या नहीं ! अभी तुम्हारा समय है, अभी नही सोचोगे तो आगे कैसे बढोगे ? तब उस लडक ने जवाब ,दिया की चाचा जी अभी तो पढाई कर रहा हूँ, कुछ सोचा नहीं हूँ, तब उन्होंने प्रेरक विचार बताया की बेटा तुम अपने पिता जी का काम क्यों नहीं सीखते हो ?  अभी नहीं सीखोगे तो कब सीखोगे ?  मेरा तो मानना है की यदि अपने पिता जी का काम  सिख लेते हो तो तुम्हे और अच्छे से सिखने को मिलेगा, उनको हर प्रकार के मूर्ति बनाने का ज्ञान है  तुम अच्छे से सिख भी लोगे तुम्हे कोई परेसानी भी नहीं होगी  पढाई लिखाई जैसे कर रहे हो वैसे ही चलता रहेगा  साथ में काम भी सीखते रहोगे अपनी मर्जी से यही समय हे कुछ सोचने का अभी नहीं सोचोगे तो बाद में बहुत देर हो जाएगी, इतना प्रेरणादायक विचार देकर और जिस काम के लिए आये थे, वो पूरा कर के चले गये।  


आत्मनिर्णय के सिद्धांत 

सिद्धांत को देखा जय तो प्रेरक विचार उस बच्चे को जो प्रेरणा उनके पिता जी के दोस्त से मिला, वो उस बच्चे के लिए जीवन में एक प्रेरणा मिल गया, जिससे वो पढाई लिखाई के साथ साथ प्रेरणादायक उद्धरण से प्रेरित होकर थोड़ा बहुत अपने पीता जी के साथ भी काम करने लगा,  कक्षा १० की पढाई और परीक्षा में प्रथम स्थान ला कर पास हुआ आगे वो कक्षा १२ की तैयारी में लग गया, उच्च माध्यमिक की पढाई २ साल का होता है,  इसलिए उसके पिता जी ने उसके लिए एक कमरे की ब्यवस्था कर दिए,  ताकि सकररमक ढंग से एकाग्र हो कर पढाई और काम दोनों साथ साथ कर सके, ऐसा मौका मिलते ही आत्म प्रेरणा से प्रेरत उसने दोनों तरफ मेहनत सुरु कर दिया,  तब दिन में पढाई और देर रात तक मूर्ति बनाने के काम को शांत माहौल में सिखने लग गया, जिसमे उसके पिता जी भी साथ देते थे, देर रात तक जागने के लिए मना  करते थे  चुकी ऐसा करने से उसके स्वस्थ पे असर पर रहा था,  ऐसा करते करते वो कक्षा १२ उच्च माध्यमिक दूसरे स्थान से पास किया, तब उसने निर्णय लिया की आज जो भी सीखा हूँ  अपने पिता जी के ज्ञान से ही सीखा हूँ और पिता जी के दोस्त के दिए प्रेरणादायक विचार से ही प्रेरित होकर आज यहाँ तक पंहुचा हूँ,  पढाई पूरा करने के बाद वो उसी क्षेत्र में आगे बढ़ते हुए काम काज सुरु किया और आगे बढ़ा और दुसरो के लिए प्रेरणादायक उद्धरण बना।  


लक्ष्य निर्धारण सिद्धांत के आधार

उस बच्चे ने आगे चलकर पढाई तो ज्यादा नहीं किया पर कला के सकारात्मक  दिशा में  व्यक्तिगत प्रेरणा से प्रेरित हो कर अपने पिता जी के ब्यापार में सहायोग देने लग गया।  इससे उसके लिए प्रेरक वक्ता के दिए हुए प्रेरणा से एक ब्यापार मंच पर अपने आप को खड़ा पाया।  उसके पास पूरी जानकारी और काम काज के तकनिकी बचपन से देखा था व्यक्तिगत प्रेरणा के माध्यम उनके पिता जी थे, जिससे उसको सिखने में  बहुत मदत मिला। 

कला के दुनिया में पारंगत होने के बाद

उसने अच्छा खासा ब्यापार किया।   जितना सकारात्मक कलाकार होते है, जिस दिशा में कलाकार बढ़ते है, वो एक अद्यात्म से काम नहीं हैकला वही पलता है, जहा सब कुछ सकारात्मक होते है। जिससे उस ब्यक्ति का जीवन भी सकारात्मक और प्रेरणादायक हो गया, आगे बढ़ता गया  मेहनत भी बहुत अच्छा किया जिससे उसके जीवन सकारात्मक चलता रहा

 

प्रेरक उद्धरण 

ये है की जो मेहनत करता है मेहनत से कभी नहीं भागता है भले ही पढाई लिखाई के समय उसने कंप्यूटर ज्ञान नहीं लिया था, तब वो पढाई लिखाई छोड़ने के साल बाद कंप्यूटर के ज्ञान के लिए संस्थान में अध्यन किया जहा उसने आधुनिक ताकनिकी सिखने में पौने साल लगाया। वो एक कलाकार था, उसको पता था की किसी भी ज्ञान की बारीकियत सिखने में समझने में समय लगता है,आत्म प्रेरणा कौशल से प्रेरित होकर उसने समय दियाकंप्यूटर के अध्यन के लिए समय उसने ऐसा चुना की जो कोई सोच भी नहीं सकता है, दोपहर के एक बजे जब लोग खाना खाने जाते है ताकि काम काज का नुकसान हो  चुकी उस समय कामगार लिए एक घंटा का छुट्टी करते हैआत्म प्रेरणा से उस  समय का उपयोग किया। अपने काम काज में नई तकनिकी को शामिल करके व्यक्तिगत प्रेरणा से अपने लक्ष्य तक पंहुचा। 


दो कारक सिद्धांत

सिद्धांत पर अब चलना सुरु कर दिया जिसमे कंप्यूटर के माध्यम से कला का प्रदर्शन और ब्यापार को बढ़ने में बहुत मेहनत किया। 

प्रेरणादायक उद्धरण 

साल बाद वो पहला विदेश के काम सुरु किया और इस तरह से अपने काम ब्यापार को नए आयाम दे कर देशक विदेश तक पहुंचाया, इस तरह से उस ब्यक्ति ने प्रेरणादायक उद्धरण बन गया। 


इस माध्यम में एक अपने काम को सम्भालन और प्रचार और प्रसार को बढ़ाने में दिन रात मेहनत कर के दो करक सिद्धांत को पूरा करते हुए आगे बढ़ता रहा।  



 

प्रेरणा स्त्रोत 

उनके जीवन का प्रथम प्रेरणा स्त्रोत उनके पिता जी  दोस्त थे जिन्होंने पढाई लिखाई के समय प्रेरणा दिया बाद में काम काज सिखने में उनके कलाकार पिता जी प्रेरणा स्त्रोत बनकर पूरा सहयोग किये।  

 

प्रेरक उद्धरण

उनके पढाई लिखाई  के समय जो उनके पिता जी के दोस्त से प्रेरणा मिला वही उनके लिए प्रेरक उदहारण बना। 

 

प्रेरणादायक उद्धरण

अपने जीवन में पढाई लिखाई के साथ कलाकारी सीखना कंप्यूटर सीखना समय का सकारात्मक साबुपयोग करना उपयोग करना प्रेरक विचार को सुनकर आत्मसात अपने जीवन में आत्मसाध करना उनके द्वारा दुसरो लिए प्रेरणादायक उद्धरण है। 

 

सकारात्मक उद्धरण

जो कार्य अपने लिए प्रेरणा मिला सकारात्मक ढंग से उस क्षेत्र में सीखनाविकास के लिए आगे बढ़ना, आने वाले समय के हिसाब से खुद को नए आयाम में परिवर्तित कर ने तकनिकी को अपना कर बढ़ना सकारात्मक उद्धरण है। 

   

सफलता उद्धरण

सच्चे मन से प्रेरणा स्त्रोत बनकर आये ब्यक्ति के प्रेरक विचार से प्रभावित हो कर सकारात्मक बनकर उस क्षेत्र में काम काज सीखना और बढ़ना सफलता उद्धरण है। 

 

प्रेरक विचार

विद्वान ब्यक्ति के दिए हुए विचार को जीवन में आस्थापित कर के आगे बढ़ना, विचार के हसाब से चलना, तरक्की में सफलता मिलानाप्रेरक विचार है जो उनके पिता जी के दोस्त से मिला। 

 

सकारात्मक जीवन उद्धरण

जीवन में चाहे कोई भी अवस्था हो, हर प्रकार के हाला  में समय को सकारात्मक मन कर, अपने क्षेता में बढ़ना आने वाले दिक्कतों का हल निकलकर आगे बढ़ना तरक्की करना सकारात्मक जीवन उद्धरण है। 

 

जीवन पर प्रेरणादायक उद्धरण

अपने क्षेत्र में आगे बढ़ने का करना जो प्रेरणादायक ब्यक्ति होते है जिनसे प्रेरणा मिलता जीवन पर प्रेरणादायक उद्धरण होते है। 

 

आत्म प्रेरणा उद्धरण

जब हम अपने कार्य क्षेत्र या किसी भी क्षेत्र में आगे बढ़ते और आगे बढ़ने हौसला अपने अंतर मन से मिलता है, उस क्षेत्र में आगे बढ़ने में सफलता मिलता हैआत्म प्रेरणा उद्धरण होता है। 

 

आत्म वृद्धि

विद्वान ब्यक्ति का ज्ञान मन को अच्छा लगता है, उससे कुछ सिखने को मिलता है, मन में हौसला जगता है, कुछ करने की उसमे सफलता मिलाने लग जाता है तो आत्म वृद्धि कहलाता है। 

 

 

व्यक्तिगत प्रेरणा 

विद्वान ब्यक्ति का विचार, कार्य कौशल से प्रभावित हो कर जब कुछ खुद कुछ ऐसा करने का मन करे, अंदर से हौसला मिले उस क्षेत्र में सफलता मिले, वह व्यक्तिगत प्रेरणा है। 

 

 

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